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Jhiram Case: जज महादेव कातुलकर के बंगले पर फेंका गया था सुतली बम, SMS से धमकी, सीएम भूपेश ने इसलिए किया जिक्र

 Newsbaji  |  May 23, 2023 06:30 PM  | 
Last Updated : May 23, 2023 06:36 PM
बिलासपुर एडीजे महादेव कातुलकर तब एनआईए के विशेष जज बनकर झीरम मामले की सुनवाई कर रहे थे.
बिलासपुर एडीजे महादेव कातुलकर तब एनआईए के विशेष जज बनकर झीरम मामले की सुनवाई कर रहे थे.

बिलासपुर/रायपुर. झीरम घाटी कांड और कांग्रेस नेताओं की शहादत को 10 साल पूरे होने वाले हैं. इससे पहले ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. इसी बीच सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर में एनआईए के विशेष जज के बंगले पर सुतली बम फेंकने का जिक्र किया. बता दें कि ये मामला बिलासपुर में हुआ था, जब यहां के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रहे महादेव कातुलकर के स्टाफ ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बाद में एसएमएस से भी धमकी मिलने की रिपोर्ट दर्ज हुई.

दरअसल, एक दिन पहले ही बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने झीरम मामले में आरोप लगाया था कि कांग्रेसी अपने एक नेता को बचाना चाहते हैं. इसीलिए सीएम भूपेश के पास जो जानकारी है, उसे वे सार्वजनिक नहीं करते. इसी का जवाब देते हुए सीएम भूपेश बघेल ने बयान दिया है. उन्होंने बिलासपुर में दर्ज हुए प्रकरण का जिक्र किया है, जिसमें ये बात फिर बाहर आई है. उन्होंने कहा कि जज के घर बम फेंका गया, जिसके जरिए जज का ट्रांसफर करा दिया गया.

मामले को बिलासपुर किया गया था शिफ्ट
बता दें कि 25 मई 2013 में हुए झीरम कांड की जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंपी थी. उस वक्त ये मामला बेहद संवेदशनशील था. ऐसे में एनआईए की विशेष अदालत के लिए जगदलपुर या रायपुर के बजाय बिलासपुर का चयन किया गया. तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश महादेव कातुलकर को एनआईए के विशेष न्यायाधीश के तौर पर प्रकरण की सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया.

नक्सलियों को बिलासपुर कोर्ट में करते रहे पेश
इस मामले में एनआईए और पुलिस द्वारा सिलसिलेवार कार्रवाई की गई और कई नक्सलियों को पकड़ा गया. वहीं कुछ को दूसरे मामलों में गिरफ्तारी के बाद जेल से यहां लाकर पेश किया गया. पूरे मामले की सुनवाई सेशन जज व एनआईए के विशेष न्यायाधीश महादेव कातुलकर कर रहे थे.

जून 2015 में फेंका बम
बता दें कि एडीजे महादेव कातुलकर की अदालत में 11 जून 2015 को 11 नक्सलियों की सुनवाई हुई थी. इसके अगले दिन तड़के 4.15 बजे किसी ने उनके बंगले में सुतली बम फोड़ दिया. वहीं उनके दरवाजे के पास धमकी भरा पत्र छोड़ा था. इसमें जज को झीरम मामले की सुनवाई से हटने या फिर अंजाम भुगतने को तैयार रहने की बात लिखी गई थी. बिलासपुर की सिविल लाइन पुलिस ने इस केस की जांच की. वहीं बाद में उन्हें धमकीभरा एसएमएस भी भेजा गया था.

सीएम भूपेश ये आरोप भी लगाया
सीएम भूपेश बघेल ने मामले में आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि केंद्र की जांच एजेंसी एनआईए ने जांच में लापरवाही बरती है. इसीलिए प्रदेश सरकार ने जांच की डायरी मांगी तो नहीं दी गई. इस कांड के बारे में कुछ तो ऐसा है ज‍िसे बीजेपी दबाना या छिपाना चाहती है. हमारे पास सबूत तो हैं, लेकिन किसे दें. एनआईए को क्यों दें जिसने जीवित लोगों से पूछताछ तक नहीं की. जिससे जांच वापस राज्य सरकार ने मांगी तो वो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट चले गए. हमारी जांच से बीजेपी को डर लगता है.

सीएम के ये सवाल भी महत्वपूर्ण

  • रोड ओपनिंग पार्टी को क्यों हटाया गया.
  • नक्सली पूछ-पूछकर मार रहे थे, ऐसा क्यों.
  • नेताओं को और सुरक्षा क्यों नहीं दी गई.
  • तेलंगाना में सरेंडर करने वाले नक्सलियों का बयान एनआईए ने क्यों नहीं लिया.
  • जज का ट्रांसफर करा दिया गया, इसमें कुछ तो बात है.

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