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बारनवापारा अभयारण्य में सोना सर्वेक्षण पर NGT ने मांगी रिपोर्ट, तीन महीने की दी चेतावनी

 Newsbaji  |  May 16, 2022 08:23 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 04:15 PM

रायपुर। छत्तीगसढ़ के बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण्या में सोना के सर्वेक्षण की अनुमति पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रिपोर्ट तलब की है। एनजीटी ने खनिज विभाग और वन विभाग को एक महीने में पांच सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए है। साथ ही पूरी रिपोर्ट तीन महीने में भेजने का कहा है। बारनवापारा अभ्यारण्य वहीं है, जिसमें जंगली जानवर बढ़ी संख्या में है।

यहां खनन की अनुमति मिलने से इको सिस्टम प्रभावित हो सकता है। ऐसे में एनजीटी ने सख्त निर्देश दिया है। जांच के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को नोडल एजेंसी बनाया है। मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।

RTI एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल ने पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए एनजीटी में शिकायत की थी। बाघमार गोल्ड ब्लाक 144 हैक्टेयर में फैला हुआ है। जिस क्षेत्र में सोने का सर्वेक्षण किया जा रहा है, उसमें घने जंगल हैं। बांस और अन्य औषधि पेड़ हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में भालू और अन्य जंगली जानवर भी विचरण करते हैं।

बलौदाबाजार वन मंडल में 607.944 हैक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र में बाघमार गोल्ड ब्लाक में 58 बोर होल के माध्यम से पूर्वेक्षण की अनुमति दी गई है। यही नहीं, बारनवापारा अभ्यारण्य के विस्तार के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) ने प्रमुख सचिव वन को प्रस्ताव भेजा है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने स्वीकार किया है कि घने जंगलों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए सर्वेक्षण नहीं हो सकता है। यह रिपोर्ट समिति ने दो जून 2020 को सौंपी है, इसके बावजूद सर्वेक्षण की अनुमति दे दी गई।

एनजीटी ने अधिकारियों की बनाई कमेटी
एनजीटी ने मामले की जांच और समाधान के लिए कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के एक सदस्य, प्रमुख सचिव खनिज विभाग छत्तीसगढ़, पीसीसीएफ छत्तीसगढ़, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कलेक्टर बलौदाबाजार को शामिल किया है।

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