बीजापुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के भैरमगढ़ इलाके में नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी क्रूरता का परिचय देते हुए एक ग्रामीण युवक को मौत के घाट उतार दिया. नक्सलियों ने रविवार को जैगूर गांव के जंगल में जन अदालत लगाई, जिसमें युवक सीतु मंडावी को पुलिस मुखबिरी के आरोप में सजा-ए-मौत दी गई. यह घटना नक्सलियों की बर्बरता और उनकी पकड़ को दर्शाती है, जो अब भी ग्रामीण इलाकों में आतंक का माहौल बना रही है.
सूत्रों के अनुसार, भैरमगढ़ के जैगूर गांव के निवासी सीतु मंडावी पर 2021 से पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप था. इस आरोप के चलते नक्सलियों ने उसे जन अदालत में पेश किया, जहां ग्रामीणों के सामने उसे मौत की सजा सुनाई गई. जन अदालत के बाद उसे बंधक बनाकर रखा गया और सोमवार सुबह उसकी हत्या कर दी गई. मृतक का शव गांव के समीप जंगल में मिला, जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है.
नक्सलियों ने जारी किया पर्चा
घटना के बाद नक्सलियों की भैरमगढ़ एरिया कमेटी ने पर्चा जारी कर युवक की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पर्चे में नक्सलियों ने स्पष्ट किया कि सीतु मंडावी को पुलिस मुखबिरी के कारण मार दिया गया है.
दुर्गम इलाके में घटना
भैरमगढ़ के एसडीओपी तारेश साहू ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना जांगला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आती है. ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर रवाना हुई है, लेकिन इलाके की दुर्गमता के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में समय लग रहा है. पुलिस ने बताया कि विस्तृत जानकारी पुलिस पार्टी के लौटने पर ही उपलब्ध हो पाएगी.
लगातार कर रहे टारगेट किलिंग
इस घटना ने क्षेत्र में पहले भी घटित हुई ऐसी ही घटनाओं की याद ताजा कर दी है, जब नक्सलियों ने ग्रामीणों को मुखबिरी के संदेह में मौत के घाट उतारा था. इस प्रकार की हिंसा टारगेट किलिंग के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसमें वे पुलिस व सुरक्षा बलों के साथ ही क्षेत्र के लोगों के बीच अपनी उपस्थिति को स्पष्ट कर रहे हैं ताकि उनका खौफ बरकरार रहे.
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