जगदलपुर. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई दो स्तरों पर जारी है. एक ओर फोर्स उनसे दो-दो हाथ कर रहे हैं तो एक वर्ग ऐसा भी है, जो अपने जज्बे और साहस से उन्हें चुनौती दे रहे हैं. जी हां, कुछ ऐसी ही कवायद छत्तीसगढ़ के सुकमा और ओडिशा के मलकानगिरि जिले के बीच दोनों राज्यों की सीमा पर आदिवासी बच्चे कंप्यूटर सीख रहे हैं. खास ये है कि जिस भवन में ये ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया गया है, उसे नक्सलियों ने लाल कोठी नाम दिया था, जो नक्सलियों का वाररूम हुआ करता था. आज वहां बैठकर बच्चे अपना भविष्य गढ़ने की तैयारी कर रहे हैं.
बता दें कि ओडिशा के मलकानगिरि और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला धुर नक्सली इलाका रहे हैं. नक्सली दोनों ही क्षेत्रों में बराबर चहलकदमी करते थे. पुलिस की दखल यहां नहीं के बराबर थी. नक्सलियों का ही बोलबाला था. तब उन्होंने इस पूरे क्षेत्र के नक्सल मूवमेंट को यही से चलाते थे. इसके लिए उन्होंने वाररूम भी बनाया था, जिसे उन्होंने लाल कोठी नाम दिया था. पूरे दो दशकों तक इसी तरह की स्थिति थी. प्रशासन की जगह नक्सलियों की चलती थी. लेकिन, धीरे-धीरे यहां फोर्स और पुलिस का जोर चलना शुरू हुआ. नक्सली बैकफुट पर आते चले गए. अब इस इलाके में नक्सली लगातार सिमट रहे हैं. इसी कड़ी में अब ये बड़ी पहल की गई है.
5 कंप्यूटर सेट, 30 बच्चे
बता दें कि पुलिस की पहल से जोदांब में ये कंप्यूटर सेंटर शुरू किया गया है. यहां कुल पांच कंप्यूटर सेट लाए गए हैं. वहीं पहली कड़ी में यहां 30 बच्चों के बैच को ट्रेनिंग दी जाएगी. ये सभी स्थानीय आदिवासी बच्चे हैं. यहां एक प्रशिक्षक भी नियुक्त किया है जो बच्चों को बेसिक कोर्स के अलावा राइटिंग लैंग्वेज व फोटो एडिटिंग समेत अन्य कोर्स कराएगा.
भिलाई की स्मृति नगर चौकी पर पथराव, पुलिस ने 14 लोगों पर दर्ज किया मामला
शबरी पार छत्तीसगढ़ दाखिल हो रहे नक्सली का एनकाउंटर, एक जवान भी घायल
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft