सुकमा. छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने कहा था कि नक्सली अगर बातचीत को तैयार हों तो हम उनसे बातचीत कर सकते हैं. अब इसी कड़ी में नक्सलियों की ओर से प्रतिक्रिया आई है. सुकमा जिले में पर्चा जारी नक्सलियों की दंडकारण्य कमेटी ने बातचीत को तैयार होने की बात कही है. साथ ही इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी है.
अपने पत्र में नक्सलियों ने लिखा है कि डिप्टी सीएम विजय शर्मा लगातार बयान जारी कर रहे हैं कि वे माओवादियों के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं. हाल ही में उन्होंने बीजापुर जिले के जांगला में भी इसी संबंध में बयान दिया था. लेकिन, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के बयान का वे कोई सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं. ये उनकी चाल तो नहीं है.
आगे लिखा है कि अनुकूल वातावारण निर्मित होने की स्थिति में हम वार्ता के लिए तैयार हैं. ठेकेदारी प्रथा को रद्द करते हुए संगठित, असंगठित मजदूरों का स्थायीकरण हो, एमएसपी की गारंटी हो, कंपनियों के हवाले कृषि क्षेत्र करते हुए किए गए अंतरराष्ट्रीय समझौतों को रद्द किया जाए. आदि की मांग करने के साथ ही एक बड़ी बात और कही गई है.
6 माह तक सशस्त्र बलों को करें सीमित
अपनी मांग में नक्सलियों ने प्रमुख रूप से कहा है कि 6 महीने तक सशस्त्र बलों को बैरकों तक सीमित रखा जाए. इसके साथ ही नए कैंप स्थापित न किए जाएं. झूठे मुठभेड़ बंद किए जाएं. तब वार्ता संभव है.
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