रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को एक अलग तरह का प्रदर्शन हुआ. एससी-एसटी वर्ग के युवा सड़क पर बगैर कपड़ा पहने दौड़ते नजर आए. इस दौरान उनके हाथ में एक तख्ती थी. एससी-एसटी वर्ग के इन युवाओं ने सड़क पर नग्न प्रदर्शन किया. वे विधानसभा जाने के लिए निकले थे. इन युवआों का आरोप है कि सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है, जो गलत तरीके से आरक्षण का फायदा लेकर शासकीय विभागों में नौकरी कर रहे हैं.
दरअसल छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति का मामला गर्माया हुआ है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायते मिली थीं कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे हैं. इस मामले की गम्भीरता देखते हुए राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी, जिसकी रिर्पोट के आधार पर समान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा उन्हे बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए. आरोप लगाया जा रहा है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिर्पोट कों न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग हैं जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे हैं.
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र के शिकायतों की जांच करने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति का गठन किया. समिति को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक के कुल 758 प्रकरण मिले जिसमें से 659 प्रकरणों में जांच की गई इसमें 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए. अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला संघर्ष समिति की ओर से बताया गया है कि कार्रवाई न होने के कारण ही प्रदर्शन किया जा रहा है.
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