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जीजीयू में केरल का MSF सक्रिय, हेल्प के नाम पर छात्राओं को जोड़ने की शिकायत, जांच के लिए बनी समि‍त‍ि

 Newsbaji  |  Aug 11, 2023 12:15 PM  | 
Last Updated : Aug 11, 2023 12:15 PM
बिलासपुर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में हेल्प के नाम पर एमएसएफ की सक्रियता का मामला सामने आया है.
बिलासपुर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में हेल्प के नाम पर एमएसएफ की सक्रियता का मामला सामने आया है.

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में केरल का मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन सक्रिय है. केरल समेत अन्य राज्यों की छात्राओं विशेषकर हिंदू स्टूडेंट्स को हेल्प डेस्क के बहाने जोड़ने की बात सामने आई है. ब्रेनवाश करने संबंधी शिकायतों के आधार पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है.

बता दें कि द केरला स्टोरी फिल्म में जिस संगठन की ओर से इशारा किया गया था, इसे वही संगठन बताया गया है. खास बात ये कि इसके कुछ वीडियो और उनके फेसबुक, वाट्सएप व इंस्टाग्राम आईडी भी लीक हुए हैं. इनमें ब्रेनवाश किए जाने संबंधी कई कंटेंट मामले को संदिग्ध बना रहे हैं. जबकि कुछ छात्राएं जिन्हें इन ग्रुप्स में जोड़ा गया था, उन्होंने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि हेल्प डेस्क के जरिए उन्हें मदद के उद्देश्य से जोड़ा गया था.

जुड़ने की अपील से हुआ उजागर
बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में तब हडकंप मचा जब सोशल मीडिया में मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन द्वारा छात्र-छात्राओं को जुड़ने की अपील से संबंधित मैसेज किसी एक मेंबर ने स्टूडेंट्स के जनरल ग्रुप में पोस्ट कर दिया. हालांकि गलती का एहसास होते ही इसे हटा दिया गया, लेकिन तब तक बाकी स्टूडेंट्स को इसकी भनक लग गई.

राजनीतिक पार्टी बताकर झांसा
दरअसल, कुछ छात्राओं ने बताया कि जब उन्हें जोड़ा गया था, तब एमएसएफ को पालिटिकल पार्टी बताया गया था. साथ ही एक मलयाली फोरम भी बना दिया गया. फिर इनके नाम से सोशल मीडिया ग्रुप्स बनाए गए. इसमें मलयालम भाषी केरल के स्टूडेंट्स पर ही फोकस किया गया. वहीं विभिन्न डिपार्टमेंट्स के स्टूडेंट्स से संपर्क किया गया.

टीचर्स भी कर रहे सहयोग
ये बात भी सामने आई है कि इन ग्रुप्स में स्टूडेंट्स के साथ ही कुछ टीचर भी जुड़े हुए हैं. उनका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनकी बातें संदिग्ध प्रतीत हो रही थी. जांच के बाद असलियत से पर्दा उठने की बात कही जा रही है.

बिना अनुमति गतिविधियां अनुचित
कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल का कहना है कि मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन को लेकर जैसे ही उन्हें जानकारी हुई तत्काल जांच के आदेश दिए. इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है, जो विभिन्न पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. उन्होंने इसे गंभीर बताया है. उनका कहना है कि कोई भी संस्था विश्वविद्यालय का लोगो, क्लब निर्माण, कैंपस में जनसंपर्क जैसी गतिविधियां बिना अनुमति के नहीं कर सकता है.

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