रायपुर. सरकार अब आदिवासी क्षेत्रों के गांवों में उत्सव मनाने के लिए 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष की दर से दो किस्तों में प्रदान करेगी. इस पैसे का प्रबंधन गांव के सरपंच समेत गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया और बैगा मिलकर करेंगे. जी हां, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना नाम से इसका शुभारंभ जगदलपुर में करेंगे.
योजना का उद्देश्य आदिवासी पर्व व त्योहारों का गरिमामय आयोजन कराना है. इसके तहत अनुसूचित क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में जनजातियों के उत्सवों, त्योहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्योहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 10 हजार रुपये की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जाएगी.
बता दें कि सीएम ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति व पर्वों की परंपरा के संरक्षण के लिए इस योजना की घोषणा की थी. वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इसके लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह योजना छत्तीसगढ़ के सभी अनुसूचित क्षेत्र यानी आदिवासी विकासखंडों में लागू होगी.
पहली कड़ी में 1,840 पंचायतों काे करेंगे प्रदान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 13 अप्रैल को बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित ’भरोसे के सम्मेलन’ में इस योजना का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर वे बस्तर संभाग की 1840 ग्राम पंचायतों को पहले किस्त के रूप में 5-5 हजार रुपये जारी करेंगे.
ऐसे होगा प्रबंधन
योजना की इकाई ग्राम पंचायतें होंगी. जबकि नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे. योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय व अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा. ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे. जबकि गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे. ग्राम स्तरीय शासी निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव सदस्य होंगे.
जनपद में इनकी जिम्मेदारी
जनपद स्तरीय शासी निकाय में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव रहेंगे. जनपद स्तरीय शासी निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार सदस्य होंगे. ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा. जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी व समन्वय के लिए जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा.
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