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भूपेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, 27 जुलाई को चर्चा होगी, छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक सात बार आ चुके प्रस्ताव

 Newsbaji  |  Jul 26, 2022 09:13 AM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:19 AM

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून-सत्र में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इस पर बुधवार यानि 27 जुलाई 2022 को सदन में चर्चा होनी है। करीब पौने चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी बघेल सरकार के विरुद्ध विपक्ष का यह पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा।

प्रदेश के करीब 22 वर्षों के इतिहास में सदन में यह आठवीं बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे पहले पेश हुए सातों प्रस्ताव बहुमत के आधार पर गिर गए थे। सत्तापक्ष के संख्या बल को देखते हुए इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव गिरने की संभावना ज्यादा है। डॉ रमन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को सबसे ज्यादा तीन बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था।

पक्ष-विपक्ष में जानकार नेता
विधानसभा में दोनों ही तरफ से राजनीति के अच्छे जानकार नेता हैं। इनमें सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और सत्यनारायण शर्मा शामिल हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में सर्वाधिक तीन अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए थे। तब सिंहदेव नेता प्रतिपक्ष और भूपेश बघेल विधायक के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। 2005 में डॉ रमन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तब महेंद्र कर्मा नेता प्रतिपक्ष और भूपेश बघेल उपनेता थे। 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष चौबे के नेतृत्व में रमन सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था।

वहीं, विपक्ष में धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा मौजूद हैं। जोगी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष नंदकुमार साय के नेतृत्व में दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वालों में ये नेता भी शामिल थे।

विधानसभा में अब तक पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव
प्रथम विधानसभा (वर्ष 2000-2003)
मुख्यमंत्री- अजीत जोगी (कांग्रेस)
नेता प्रतिपक्ष- नंदकुमार साय (भाजपा)

- नवंबर 2000 में सत्ता में आई जोगी सरकार के विरुद्ध पहला अविश्वास प्रस्ताव सितंबर 2002 में पेश किया गया। इस पर 30 सितंबर व एक अक्टूबर को कुल 17 घंटे आठ मिनट चर्चा हुई। प्रस्ताव के पक्ष में 22 और विरोध में 61 मत पड़े थे।

- दूसरा अविश्वास प्रस्ताव जुलाई 2003 में पेश हुआ। इस पर 29 जुलाई को 11 घंटे 52 मिनट तक चर्चा हुई। पक्ष में 23 और विरोध में 54 मत पड़े।

द्वितीय विधानसभा (वर्ष 2003-2008)
मुख्यमंत्री- डॉ रमन सिंह (भाजपा)
नेता प्रतिपक्ष- महेंद्र कर्मा (कांग्रेस)
- 2005 में बनी सरकार के विरुद्ध दिसंबर 2007 अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ। इस पर तीन और चार दिसंबर को कुल 17 घंटे 50 मिनट तक चर्चा हुई। पक्ष में 26 और विरोध में 52 मत पड़े।

तृतीय विधानसभा (वर्ष 2008-2013)
मुख्यमंत्री- डॉ रमन सिंह (भाजपा)
नेता प्रतिपक्ष- रविंद्र चौबे (कांग्रेस)
- सरकार गठन के करीब तीन वर्ष बाद दिसंबर 2011 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस पर 19 और 20 दिसंबर को कुल 23 घंटे 19 मिनट तक चर्चा हुई। पक्ष में 37 और विरोध में 48 मत पड़े।

चतुर्थ विधानसभा (वर्ष 2013-2018)
मुख्यमंत्री- डॉ रमन सिंह (भाजपा)
नेता प्रतिपक्ष- टीएस सिंहदेव (कांग्रेस)
- सरकार गठन के करीब डेढ़ वर्ष बाद जुलाई 2015 में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ। इस पर 24 और 25 जुलाई को 24 घंटे 25 मिनट तक चर्चा हुई। पक्ष में 37 और विपक्ष में 50 मत पड़े।
- सरकार के चौथे वर्ष में प्रवेश करते ही दिसंबर 2017 में दूसरा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस पर 22 दिसंबर को दोपहर 12.22 बजे से सदन में चर्चा शुरू हुई जो 23 दिसंबर सुबह 7:06 बजे तक कुल 18 घंटे 38 मिनट तक चर्चा हुई। पक्ष में 38 और विपक्ष में 48 वोट पड़े।

- अंतिम वर्ष के कार्यकाल खत्म होने के करीब चार महीने पहले जुलाई 2018 में सरकार को तीसरे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। इस पर 06 जुलाई को दोपहर 12.06 बजे चर्चा शुरू हुई जो रात्रि 02.14 बजे तक 14 घंटे आठ मिनट तक चली। यह प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत हो गया।

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