रायपुर. नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव. या फिर कोई और खास मौका. अब तक आपने नक्सलियों को मौके का फायदा उठाते देखा होगा. लोकसभा चुनाव ही देखें तो 2014 में 25 जवानों की शहादत हुई थी. 2019 में विधायक भीमा मंडावी समेत 5 की मौत हुई थी. वहीं 2024 के चुनाव के वक्त कहानी बदल गई है और मंजर भी. पिछले 3 मुठभेड़ में जवानों ने 48 नक्सलियों को मार गिराया है.
बता दें कि बीते मंगलवार को कांकेर के थाना छोटेबेठिया से लगभग 15 किमी दूर हापाटोला जंगल में सर्च ऑपरेशन कर 29 नक्सलियों को मार गिराया है. इस घटना को अब बदले हुए परिदृश्य के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले 2 अप्रैल को बीजापुर के जंगल में 13 और 27 मार्च को 6 नक्सलियों को मार गिराया गया था. इस तरह लोकसभा चुनाव की कवायद के बीच 48 नक्सलियों का खात्मा सुरक्षाबलों ने किया है.
लोकसभा चुनाव 2014
दंतेवाड़ा जिले में 11 मार्च 2014 को सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल के 44 जवान सर्चिंग पर निकले थे. 15 जवान आगे चल रहे थे. घात लगाए बैठे करीब 250 नक्सलियों ने उन्हीं को निशाना बनाया और आईईडी ब्लास्ट कर दिया. फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू की. इसमें 15 जवान शहीद हो गए थे. एक राहगीर भी नक्सलियों की गोली का शिकार हुआ था. इसके बाद 12 अप्रैल को बीजापुर व दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट किया था. इसमें पांच जवानों समेत 14 लोगों की मौत हुई थी. तब नक्सलियों ने मतदान कर्मियों को ले जा रही बस को बारूदी विस्फोट से उड़ा दिया था. इसके बाद गोलीबारी की थी. इसमें 7 मतदानकर्मियों की भी मौत हुई थी.
लोकसभा चुनाव 2019
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से ठीक 2 दिन पहले 9 अप्रैल 2019 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र के श्यामगिरी में आईईडी ब्लास्ट किया था. इस ब्लास्ट में बीजेपी से दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी भी मारे गए हैं. पीएसओ समेत चार अन्य जवानों की भी शहादत हुई थी. इसके बाद 27 अप्रैल 2019 को बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके में नक्सलियों ने काफिले पर हमला किया और 2 पुलिस जवानों जिला बल आरक्षक अरविंद मिंज और सहायक आरक्षक सुक्कु हपका की जान ले ली थी.
विस चुनाव 2013, 2018 में भी रही यही कहानी
2018 के विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 12 नवंबर को होनी थी. 27 अक्टूबर को बीजापुर में हमला किया गया. इसमें 2 जवान शहीद हुए थे. फिर 30 अक्टूबर को दंतेवाड़ा जिले में दूरदर्शन की टीम पर हमला किया गया. वे छत्तीसगढ़ में चुनाव कवर करने गई थी. इस हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन की मौत हुई और 2 जवान शहीद हुए थे. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव से करीब 5 महीने पहले झीरम घाटी नक्सल हमला हुआ था, जिसमें प्रदेश कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व का ही लगभग सफाया हो गया था. इसमें बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल भी शामिल थे.
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