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महादेव सट्टा ऐप केस: आरोपी अमित अग्रवाल की जमानत नामंजूर, रहना होगा जेल में

 Newsbaji  |  Jan 08, 2025 03:30 PM  | 
Last Updated : Jan 08, 2025 03:30 PM
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हुई मामले की सुनवाई.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हुई मामले की सुनवाई.

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महादेव सट्टा ऐप से जुड़े हवाला मामले में आरोपी अमित अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद होने के आधार पर उसे जमानत देने से इनकार कर दिया. अमित अग्रवाल के खिलाफ मोहन नगर थाना सहित देश के विभिन्न पुलिस थानों में मामले दर्ज हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद आरोपी को जेल में ही रहना होगा.

महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर का भाई है आरोपी
महादेव सट्टा ऐप के प्रमुख प्रमोटरों में से एक अनिल अग्रवाल के भाई अमित अग्रवाल को हवाला कारोबार में संलिप्तता के आरोप में एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में जांच तेज कर दी और मई 2024 में अलग से एक मामला दर्ज किया. आरोपों के मुताबिक, अमित अग्रवाल पर हवाला के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन करने और इस रकम का उपयोग संपत्ति खरीदने में करने का आरोप है.

कोर्ट में दी गई दलीलें नहीं आईं काम
अमित अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर करते हुए दावा किया कि उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर में उसका नाम नहीं है और उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. सुनवाई के दौरान उसने सुप्रीम कोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण मामलों का हवाला देते हुए खुद को जमानत दिए जाने की मांग की. उसने दलील दी कि वह महादेव ऐप के सह-संचालक अनिल उर्फ अतुल का छोटा भाई है और फिलहाल दुबई में रहकर व्यवसाय कर रहा है. हालांकि, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अमित अग्रवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

ED ने किया जमानत का विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने अदालत के समक्ष विरोध जताते हुए कहा कि अमित अग्रवाल ने महादेव सट्टा ऐप से जुड़े अवैध लेन-देन किए हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपनी पत्नी के नाम पर संपत्तियां खरीदीं और हवाला नेटवर्क के जरिए कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए. इसके अलावा, अमित अग्रवाल ने एक अन्य आरोपी चतुर्भुज शर्मा को अलग-अलग तारीखों में 1.20 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो बाद में उनके और उनकी पत्नी के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए. इसके अलावा, आरोपी ने अपने परिवार के सदस्यों के खातों में नकद राशि जमा करवाई, जो बैंक रिकॉर्ड में दर्ज है.

पर्याप्त सबूतों के आधार पर किया इनकार
जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि जांच के दौरान जुटाए गए सबूत और गवाहों के बयान अमित अग्रवाल के खिलाफ हैं. अदालत ने पाया कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, जिससे उसकी संलिप्तता स्पष्ट होती है. इस आधार पर अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि महादेव सट्टा ऐप से जुड़े हवाला कारोबार की जांच में कोई ढील नहीं बरती जाएगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.

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