रायपुर. ईडी की महादेव एप समेत अन्य मामलों में कार्रवाई पर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में ये बड़ा मुद्दा भी बना रहा. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेता आरोप लगाते रहे हैं. इस बीच अब सोशल मीडिया पर उस ड्राइवर असीमदास की एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जिसके हवाले से ईडी ने प्रेसनोट जारी किया था. इसमें कहा गया था कि असीमदास ने स्वीकार किया है कि उसने 508 करोड़ रुपये सीएम और किसी वर्मा को दिए हैं. वायरल चिट्ठी में असीमदास के हवाले से लिखा गया है कि उसने किसी को पैसे नहीं दिए हैं. बल्कि उसे ईडी के अफसरों ने फंसाया है.
वायरल चिट्ठी के मुताबिक असीमदास ने इसे ईडी के डायरेक्टर को लिखा है. इसमें कहा है कि उसे 508 करोड़ के बारे में कुछ पता नहीं है. न ही उसने ऐसा कुछ ईडी को बयान दिया है. बल्कि जब वह जेल आया तो अखबार पढ़ने पर उसे जानकारी हुई. ये भी पता चला कि ईडी ने उस पर झूठा आरोप लगाया है.
शुभम ने बुलाया था दुबई
चिट्ठी में आगे लिखा है कि उसके बचपन के दोस्त शुभम सोनी उर्फ पिंटू ने उसे अक्टूबर महीने में दुबई बुलाया था. तब उसने ठेकेदारी करने का झांसा दिया. इसके बाद दूसरी बार उसने दुबई बुलाया. वहां 3 दिन रुकवाने के बाद वापस रायपुर भेज दिया. शुभम के बताए मुताबिक वह होटल में ठहरा हुआ था. तभी कुछ लोगों ने कार में बैग रखा और उसका सिम भी बदल दिया. कुछ ही देर बाद ईडी के अफसरों ने उसे पकड़ लिया.
योजनाबद्ध तरीके से फंसाया
असीमदास ने आगे लिखा है कि पूरे योजनाबद्ध तरीके से उसे फंसाया गया है. उसके पास से जब्त सिम और मोबाइल की जांच होनी चाहिए. मोबाइल में वीडियो कहां से आया और किसने डाला है, ये भी जांच का विषय है. होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की जानी चाहिए कि आखिर काले रंग की बाइक में बैग लेकर कौन आया था. वहीं किसके कहने पर रुपयों से भरा बैग छोड़ गया.
कोर्ट में लगाई है अर्जी
असीमदास ने जहां 5 नवंबर को दुबई से यूरोप जाने वाली फ्लाइट के टिकट की भी जांच की मांग की है, वहीं उसने कोर्ट में एक अर्जी भी लगाई है. इस संबंध में उसने बीते 10 अक्टूबर को ये आवेदन पेश किया था. इसमें इन्हीं सब बातों की जांच करने की बात कही है.
एम्सटर्डम में हैं प्रमोटर, ईडी अफसर मिश्रा से सेटिंग
चिट्ठी में ये भी दावा किया गया है कि ईडी के बड़े अफसरों से महादेव एप के प्रमोटरों की सेटिंग हो गई है. इसी वजह से अब वे दुबई से भाग गए हैं. 5 नवंबर को उनकी यूरोप की फ्लाइट थी. वे अब यूरोप भाग गए हैं, जहां के एम्सटर्डम में वे हैं. इस पूरी कवायद में ईडी के बड़े अफसर मिश्रा का सहयोग रहा है.
नहीं आती अंग्रेजी, बयान में लिए दस्तखत
असीमदास की वायरल चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि वह महज 10वीं तक पढ़ा है. उसे अंग्रेजी नहीं आती. लेकिन, ईडी के अफसरों ने उसके बयान वाला जो दस्तावेज दिया था, उसमें सिर्फ उससे दस्तखत लिया गया. ऐसे में उसने शक जताया है कि उसमें उसका बयान ईडी अफसरों की प्लानिंग के मुताबिक ही दर्ज हुआ है. इसकी जांच होनी चाहिए.
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