रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी वामपंथी दल महंगाई और बेरोजगारी को लेकर अभियान चलाने जा रहे है। दरअसल, लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी, कारपोरेट घरानों की लूट और आम जनता पर बढ़ते बोझ के विरोध में वामपंथी दलों के देशव्यापी अभियान के तहत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भाकपा (माले) लिबरेशन मिलकर व्यापक अभियान चलाएंगे। यह अभियान 25 मई से 31 मई तक चलाया जाएगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव संजय पराते, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव आरडीसीपी राव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले)-लिबरेशन के राज्य सचिव बृजेन्द्र तिवारी ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि एक ओर महंगाई बढ़ रही है, दूसरी ओर बेरोजगारी अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। गेहूं की सरकारी खरीदी पिछले साल की तुलना में देश भर में आधी रह गई है। जिससे आने वाले दिनों में खाद्यान्न का संकट और महंगाई और बढ़ने वाली है।
7 सूत्रीय मांगो को लेकर अभियान
वामपंथी दलों के नेताओं ने कहा है कि देशव्यापी अभियान की सात सूत्रीय मांगों में पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे सारे सरचार्ज और टैक्स वापस लेने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए , दाल और खाद्य तेल सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को सस्ती दरों पर मुहैया कराने, आयकर की सीमा से बाहर वाले सभी परिवारों को 7500 रुपए प्रतिमाह नगद सहायता देने, मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाने और बकाया मजदूरी का भुगतान करने, बेरोजगारी भत्ते के लिए केंद्रीय कानून बनाने, शहरी क्षेत्रों के लिए भी रोजगार गारंटी कानून बनाने एवं केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग शामिल है।
वामपंथी दलों के अनुसार, यह अभियान 25 मई से 31 मई तक चलाया जाएगा। वामपंथी दल इस दौरान धरने, प्रदर्शन, सभाओं इत्यादि के माध्यम से इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाएंगे। इसको लेकर सभी इकाईयों को भी संयुक्त बैठकें कर अभियान चलाने का आह्वान किया गया है।
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