जांजगीर-चांपा. केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड, जो पिछले छह साल से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के अधीन काम कर रही है, जल्द ही बिकने के कगार पर है. अदानी पावर ने इस पावर प्लांट के लिए 27 हजार करोड़ रुपये की ऊंची बोली लगाई है. माना जा रहा है कि डेढ़ से दो माह में बिक्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
केएसके महानदी पावर कंपनी पर बैंकों का लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. कर्ज से उबरने और देनदारियों को चुकाने के लिए कंपनी ने पावर प्लांट को बेचने का फैसला लिया है. कंपनी के इस निर्णय से उसके कर्जदाताओं को राहत मिलने की संभावना है.
प्लांट को खरीदने के लिए देश के विभिन्न कार्पोरेट सेक्टर ने रुचि दिखाई है, जिनमें प्रमुख रूप से वेदांता, अदानी और जिंदल उद्योग समूह शामिल हैं. अदानी ने 27 हजार करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई है. इसके अलावा एनटीपीसी, कोल इंडिया, वेदांता, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और रश्मि मेटालिक्स ने भी इस प्लांट को खरीदने में रुचि दिखाई है. एनटीपीसी ने 22 हजार 2 सौ करोड़ रुपये में प्लांट खरीदने का प्रस्ताव दिया है.
केएसके महानदी पावर प्लांट की स्थापना 2008 में जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा तहसील के नरियरा इलाके में 27 सौ एकड़ क्षेत्रफल में की गई थी. 3600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए छह यूनिट स्थापित करने की योजना थी, लेकिन अब तक केवल तीन यूनिट ही स्थापित हो सकी हैं. फिलहाल 1800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
प्लांट की स्थापना के समय से ही भू-अर्जन, मुआवजा और पुनर्वास राशि को लेकर विवाद चल रहे हैं. इसके अलावा कंपनी का खुद का कोल ब्लाक नहीं होने के कारण महंगे दामों पर कोयला खरीदना पड़ता है, जिससे लगातार घाटा हो रहा है. इन कारणों से कंपनी पर 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. पिछले छह साल से कंपनी का संचालन एनसीएलटी द्वारा किया जा रहा है और कर्ज वसूली के लिए कंपनी की बिक्री की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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