कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर निगम के मेयर राजकिशोर प्रसाद के ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र को एसडीएम ने जांच कर प्रथम दृष्टया फर्जी माना है. इसके साथ ही सर्टिफिकेट को निलंबित कर इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019 में नगरीय निकायों में चुनाव हुआ था. इस दौरान मेयर राजकिशोर प्रसाद ने ओबीसी के लिए आरक्षित कोरबा नगर निगम के वार्ड से अपना नामांकन दाखिल कराया था. इसके लिए उन्होंने कोरबा तहसीलदार कार्यालय से जारी ओबीसी का जाति प्रमाण-पत्र संलग्न किया था.
पार्षद का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेसी पार्षदों का बहुमत होने पर उन्हें मेयर के रूप में चुना गया. तब से वे यहां के महापौर के रूप में पदस्थ हैं. इस बीच उनके जाति प्रमाण-पत्र पर बीजेपी की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. पिछले दिनों बीजेपी पार्षद ऋतु चौरसिया ने पिछड़ा वर्ग के लिए जारी इस अस्थायी जाति प्रमाण-पत्र को एसडीएम के कोर्ट में चुनौती दी.
एसडीएम ने इस प्रमाण-पत्र की सत्यता की जांच कराई. तब प्रारंभिक तौर पर पता चला कि मेयर राजकिशोर प्रसाद का जाति प्रमाण पत्र प्रथम दृष्ट्या संदेहास्पद और कपट पूर्वक प्राप्त किया गया है. इस पर उन्होंने आदेश जारी किया है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि अंतिम जांच होने तक इसे निलंबित किया जाता है और अनावेदक राजकिशोर प्रसाद द्वारा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे.
खराब बीज ने चौपट की खरबूजा-तरबूज की फसल! सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद, किसानों के सामने आर्थिक संकट
छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक सर्जरी, 41 IAS अधिकारियों के ट्रांसफर
जिंदल कोल माइंस में ब्लास्ट! एक युवक की मौत, सेक्टर 4/2 में ब्लास्टिंग के दौरान हुआ हादसा
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft