कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की दीपका कोयला खदान की एक ड्रिल मशीन में अचानक आग लगने से अफरातफरी मच गई। आयल लीक होने के बाद भी मशीन से काम लेने के कारण आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल, 16 करोड़ की इस मशीन का उपयोग खदान में ब्लास्टिंग से पहले ड्रिल करने के लिए किया जा रहा था। आग लगने की जानकारी मिलने पर प्रबंधन ने आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन मशीन का काफी हिस्सा जल चुका था। इसकी वजह से कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। आग बुझाने की टीम को मशीन में लगी आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बता दे कि, इससे पहले भी कोयला खदानों में रखरखाव में लापरवाही बरते जाने की वजह से मशीनों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। अभी फिलहाल इस घटना की विभागीय जांच कराने की बात कही जा रही है। इसस पहले भी रजगामार खदान के बंकर का बकेट टूटने से एक कर्मचारी की मौत की जांच अभी चल ही रही है। इस बीच एक और हादसा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में एसईसीएल को तीन माह में 428 लाख टन कोयले का उत्पादन करना था पर 357 लाख टन ही उत्पादन हो पाया है। तिमाही रिपोर्ट में पिछड़े एसईसीएल के सामने लक्ष्य हासिल करने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में लगातार खदान में होने वाली दुर्घटनाओं का भी असर उत्पादन पर पड़ेगा। श्रमिक संगठनों का कहना है कि जितना जो उत्पादन बढ़ाने में दिया जा रहा है उतना ही सुरक्षा उपायों पर भी ध्यान देना होगा।
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