छत्तीसगढ़. राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव के लिए मंगलवार (12 अप्रैल) को मतदान होना। इससे पहले प्रचार के अंतिम दौर में कांग्रेस, बीजेपी, जोगी कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशी मतदाताओं को साधने के लिए जोर-आजमाइश में जुटे हुए हैं। हालांकि चुनाव प्रचार थम चुका है। अब प्रत्याशी घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे है। इस विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो खैरागढ़ लोधी बाहुल्य सीट मानी जाती है, इस लिए यहां पर राजनीतिक दलों के अधिकांश प्रत्याशी लोधी समाज से चुनावी मैदान में उतारे है और उन्हें साधकर अपनी चुनावी ऩइया को पार करने की कोशिश में है।
आदिवासी समाज भी चुनावी रुख को मोड़ने का रखता है दम
इस सीट पर सिर्फ लोधी ही नहीं बल्कि कुछ और ऐसी जातियां भी हैं, जो चुनाव परिणाम बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। आकड़ों को देखें तो खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में लोधी के बाद सबसे बड़ा वर्ग गोंड जनजाति का है, जो चुनावी परिणाम की हवा के रुख को बदलने की ताकत रखता है। यही कारण है कि चुनाव प्रचार के दौरान इस जाति को भी साधने के लिए सभी राजनीतिक दल पूरा जोर लगा रहे है। सबसे बड़ी बात यहां पर उन सभी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है जो सामाजिक तौर पर अच्छी पकड़ रखते हो। इस सीट पर लोधी 45 हजार से ज्यादा, गोंड 29342 के करीब, साहू 24 हजार से ज्यादा, यादव 18 हजार से ज्यादा, सतनामी करीब 17 हजार, पटेल 12 हजार से ज्यादा, महार 5 हजार से ज्यादा, ब्राह्मण करीब 35 सौ वोटर है।
साहू वोटर भी निर्णायक
राजनीतिक विश्लेषक मानते है कि 45 हजार 593 मतदाता वाले लोधी समाज को साधने कांग्रेस और बीजेपी ने उसी वर्ग से तो प्रत्याशी तो उतार दिया है। मगर जानकारों की माने तो करीब 30 हजार की संख्या वाले गोंड जनजाति और 25 हजार की संख्या वाले साहू समाज इस उपचुनाव में भूमिका निर्णायक रहने वाली है। हालांकि यादव समाज के 18 हजार से अधिक वोट, इतनी ही संख्या में सतनामी समजा के करीब 17 हजार वोटर और 12 हजार की संख्या वाले पटेल समाज की भी भूमिका महात्वपूर्ण रहने वाली है।
बता दे कि, खैरागढ़ उपचुनाव में मतदान का काउंडाउन शुरु हो गया है। राजनीतिक दल एक-एक समीकरण को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रहे है। लेकिन 12 अप्रैल को मतदाता किस प्रत्याशी को विजय तिलक लगाएंगे। यह तो 16 अप्रैल के दिन मतगणना के साथ पता लगेगा।
2018 में जोगी कांग्रेस ने लहराया था परचम
साल 2018 में हुए आम चुनाव में मतदाताओं ने इस सीट पर तीसरे दल को सत्ता सौंपी थी। यहां से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल हार गए थे। कांग्रेस पार्टी का हाल यह था कि वो तीसरे नंबर पर थी। उस समय कांग्रेस को केवल 31 हजार वोट मिले थे। जानकारों की माने तो उस चुनाव में लोधी वोटबैंक के बंटवारे के चलते भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उपचुनाव में इस खास वोटबैंक को साधने की हर दल कोशिश कर रहा है।
चौकस सुरक्षा व्यवस्था
उपचुनाव के लिए करीब 1164 अधिकारियों और कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। मतदान EVM मशीन से होगा। खैरागढ़ विधान सभा क्षेत्र में कुल 2 लाख 11 हजार 516 मतदाता हैं। जिसमें महिला मतदाता की संख्या 1 लाख 5 हजार 250 और पुरुष मतदाता 1लाख 6 हजार 266 है। पोलिंग के लिए मतदान दल सुबह 11 बजे रवाना होने शुरु हो गए है। मतदान के दौरान जिला पुलिस बल के अलावा 22 केंद्रीय सुरक्षा बल की कंपनियां तैनात की गई हैं। साथ ही एक कंपनी स्ट्रांग रूम की निरंतर निगरानी रखने के लिए तैनात कर दिया गया है।
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