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बंद कोयला खदान बन तो गया टूरिस्ट प्लेस, पर सूरजपुर प्रशासन और एसईसीएल की अनदेखी से होने लगा बदरंग

 Newsbaji  |  Mar 26, 2023 03:29 PM  | 
Last Updated : Mar 26, 2023 03:29 PM
सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर में बंद कोयला खदान में विकसित टूरिस्ट प्लेस हुआ अनदेखी का शिकार.
सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर में बंद कोयला खदान में विकसित टूरिस्ट प्लेस हुआ अनदेखी का शिकार.

सूरजपुर. Kenapara Floating Restaurant: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बिश्रामपुर के बंद कोल माइन को टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप किया गया है. एसईसीएल के सीएसआर मद से यहां बोटिंग से लेकर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट खोला गया है. यहां चारों ओर पानी के बीच तैरते रेस्टोरेंट में बैठकर लजीज व्यंजन का लुत्फ उठाने का अलग ही मजा है. बाहर आकर्षक गार्डन बनाया गया था. लेकिन, बनने के साथ ही यह अनदेखी का शिकार हो गया और न गार्डन में रौनक रही न वहां के झूले में. फुटपाथ भी टूट-फूट गए हैं. लेकिन, इनकी मरम्मत के लिए न जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न एसईसीएल प्रबंधन. ऐसे में इसकी गलत छवि पेश हो रही है और प्रचार-प्रसार से पहले ही बदनामी हो रही है. ऐसे में आखिर यहां पर्यटन कैसे बढ़ेगा.

बता दें कि एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कई कोयला खदानें हैं. लेकिन, कई खदानों से अब कोयला नहीं निकाला जा रहा है, जिन्हें ऐसे ही छोड़ दिया गया है. अधिकांश ओपनकास्ट यानी खुली खदानें हैं. लगभग सभी में पानी भर गया है और आसपास के गांव के लोगों के लिए इन्हें खुले और‍ बिना निगरानी के छोड़ देने से ये बेहद खतरनाक भी हैं. ऐसे में एसईसीएल ने इन्हें संवारने का फैसला किया, ताकि यहां लोगों की मौजूदगी से हादसे का खतरा न हो. इसी सोच के साथ उन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकस‍ित करने का फैसला किया गया. इसकी शुरुआत सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर स्थित इसी केनापारा ओपनकास्ट माइन का चयन किया गया.

ये हैं खास आकर्षण
यहां बोटिंग की सुविधा देने के साथ ही पानी के बीच तैरता यानी फ्लोटिंग रेस्टोरेंट खोला गया है. यहां एक से बढ़कर एक लजीज व्यंजन की व्यवस्था रहती है. यानी बोटिंग का मजा लेने के साथ-साथ फ्लोटिंग रेस्टोरेंट है. इसके साथ-साथ पानी के बाहर चारों ओर की खाली जगह पर गार्डन विकसित किया गया है. इनमें एक से बढ़कर एक पौधे लगाने के साथ ही फूलों के पौधे भी हैं. बच्चों के लिए आकर्षक झूले हैं और बैठने की व्यवस्था है.

अनदेखी का हुआ शिकार


बनने के बाद इस टूरिस्ट प्लेस का प्रचार-प्रसार शुरू किया गया. नई जगहों को एक्सप्लोर करने के शौकीन व परिवार के साथ घूमने जाने का शौक रखने वाले लोग यहां आने लगे. जिले के साथ ही आसपास के जिलों के लोग आने लगे. लेकिन, अनदेखी के चलते बहुत जल्दी ये पर्यटन स्थल बदरंग होने लगा है. पहुंचने के लिए सड़क तक को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है. इसके चलते पहुंचने वाले पर्यटकों को भी निराशा होती है. यदि इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो बहुत जल्द ही लोग यहां आने से किनारा कर लेंगे. साथ ही औरों को भी यहां की बदहाली की जानकारी देंगे. इससे शुरुआत होने से पहले ही पर्यटन का नया और बेहतर विकल्प खत्म हो जाएगा.

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