रायपुर. छत्तीसगढ़ में भी महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाले जाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है. रायपुर के गायत्री मंदिर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे, जहां उन्होंने छेरापहरा की रस्म निभाई. सोने की झाड़ू लगाकर महाप्रभु के रास्ते को साफ किया. जबकि पूर्व मंत्री ने भी महाप्रभु की प्रतिमा को सिर पर धारण किया. इसी तरह अन्य शहरों में भी जोरशोर से माहौल है.
आज 20 जून को आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है, जिसे रथयात्रा के रूप में मनाया जाता है. एक ओर जहां ओडिशा के पुरी स्थित महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा वृहद स्तर पर हर साल की तरह इस साल भी आयोजित हो रहा है. वहीं देशभर में स्थित उनके मंदिरों में और अन्य मंदिरों में भी ये आयोजन किया जा रहा है. रायपुर के गायत्री नगर स्थित मंदिर में सीएम भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे हुए थे.
मौसी मां के घर जाते हैं महाप्रभु
बता दें कि महाप्रभु जगन्नाथ रथयात्रा से करीब 15 दिन पहले 108 कलश जल से स्नान करने के बाद बीमार हो जाते हैं. मान्यता के अनुरूप मंदिर के पट बंद कर पुरोहित और सेवादार काढ़ा व अन्य औषधियां पीलाकर उन्हें स्वस्थ करते हैं. इसके बाद वे अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी मां गुंडिचा के घर जाते हैं, जिसके लिए रथयात्रा का आयोजन किया जाता है.
सीएम ने राजा की निभाई भूमिका
दरअसल, छेरापहरा की भूमिका निभाने का अथ है राजा द्वारा महाप्रभु के रास्ते को झाड़ू से साफ कर उनकी अगवानी करना. उसी के अनुरूप रायपुर के जगन्नाथ मंदिर में हुए आयोजन में सीएम भूपेश बघेल राजा के रूप में छेरापहरा की भूमिका निभाई. सोने की झाड़ू लगाकर उन्होंने महाप्रभु के रास्ते को साफ किया. साथ ही वे भी सिर पर उनकी प्रतिमा लेकर रथ पर उन्हें विराजित किया.
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