छत्तीसगढ़. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को गृह विभाग की एक हाई लेवल मीटिंग सीएम हाउस में बुलाई। जिसमें शामिल होने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी पहुंचे। मीटिंग में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, DGP अशोक जुनेजा समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहें।
कानून व्यवस्था को लेकर चिंता
प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सीएम भूपेश बघेल चिंतित है। उन्होंने व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए कुछ महीने पहले ही सूबे के डीजीपी को हटा दिया था। लेकिन व्यवस्था में कोई खास परिवर्तन नहीं होने के कारण हाई लेवल मीटिंग बुलाकर एक फिर से पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए है। मिली जानकारी के मुताबिक भूपेश बघेल की अध्यक्षता में ली गई गृह विभाग की इस समीक्षा बैठक में नक्सल मामलों को लेकर भी चर्चा की गई है। आदिवासियों पर दर्ज मुकदमों का भी मुद्दा उठा तो अफसरों ने बताया कि उनके खिलाफ किए गए केस वापस लिए जा रहे हैं।
नक्सल मामलों में 1244 आदिवासियों के केस खत्म
आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण वापसी के लिए गठित न्यायमूर्ति ए.के पटनायक समिति की अनुशंसा पर 632 केस में 752 आदिवासी अभियुक्तों के खिलाफ मामले वापस लिए गए हैं। साल 2019 के पहले नक्सल अपराधों में गिरफ्तार आदिवासियों के न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में भी जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। इस मौके पर अफसरों ने जानकारी दी कि 811 नक्सल मामलों में कुल 1244 स्थानीय आदिवासियों के लंबित प्रकरण कोर्ट में खत्म हुए।
विपक्ष ने गृह मंत्री को बताया- फेल
अचानक हुई इस बैठक को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशाखोरी, सुसाइड के मामले, रेप, चाकूबाजी की घटनाएं बढ़ी हैं। मुख्यमंत्री गृह विभाग की खुद समीक्षा कर रहे हैं। मतलब गृह मंत्री फेल साबित हो चुके हैं। प्रदेश में पुलिस से भी कुछ नहीं संभल रहा है। अपराधिक मामलों की वजह से जनता भी त्रस्त है।
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