रायपुर। प्रदेश के IAS अफसर अवनीश शरण युवाओं के बीच हमेशा पॉजिटिव संदेश दिया करते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने अपनी 10वीं की मार्कशीट ट्वीटर पर शेयर की है। अब इसमें लिखे नंबर को देखकर UPSC की तैयारी करने वाले युवा मोटिवेट हो रहे हैं और उनकी मार्कशीट को देखकर उनके मन में जोश भर रहा है।
दरअसल, 2009 बैच के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने 10वीं की परीक्षा थर्ड डिवीजन से पास की थी। उन्होंने बिहार स्कूल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड की यह परीक्षा 314/700 अंकों के साथ वर्ष 1996 में पास की। एक ट्विटर यूज़र ने इसे प्रेरणादायक बताया है और एक ने कमेंट किया कि सर डिग्री तो सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा है और कुछ नहीं। इस पोस्ट को कई लोगों ने बहुत ही ज्यादा पसंद कर रहे है।
एक यूजर ने अवनीश शरण की मार्कशीट पर कमेंट किया है और लिखा है कि इस मार्कशीट के साथ घर जाने पर क्या हुआ था? जवाब में IAS अवनीश ने लिखा- जैसा स्वाभाविक था, वैसा कुछ नहीं हुआ था। पापा ने दोबारा 10वीं की परीक्षा देने कहा, जिसे मैंने मना कर दिया था। मैंने उनसे यह आग्रह किया कि मेरे मार्क्स किसी को ना बताएं। किसी के पूछने पर बस इतना बताएं कि बेटा पास हो गया है।
कम मार्क की वजह से सुसाइड
तीन साल पहले छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने के बाद फेल होने पर रायगढ़ में 18 वर्षीय एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। छात्र की आत्महत्या की खबर पढ़कर अवनीश शरण ने तब फेसबुक पर लिखा था कि "आज मैंने अखबार में एक चौंकाने वाली खबर पढ़ी कि एक छात्र ने परीक्षा में फेल हो जाने के कारण आत्महत्या कर ली। मैं सभी छात्रों और उनके माता-पिता से अपील करता हूं कि वे परिणाम को गंभीरता से न लें। यह एक नंबर गेम है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए मार्क
छात्रों को मोटिवेट करने के उद्देश्य से आईएएस अफसर ने अपनी कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं, कॉलेज के नंबर भी फेसबुक पर शेयर किए। उन्होंने कक्षा 10वीं में 44.5 फीसदी, 12वीं की परीक्षा में 65 % और स्नातक में 60.7 % नंबर हासिल किए थे। अफसर ने अपने संदेश में यह भी बताया है कि उन्होंने 10वीं की परीक्षा 1996 में, 12वीं की परीक्षा 1998 और स्नातक की डिग्री साल 2002 में पूरी की थी। भले ही अवनीश कुमार शरण के नंबर कम आए हों, लेकिन उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर दिखाया।
लालटेन की रोशनी में पढ़ाई
दरअससल, IAS अवनीश शरण का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके घर में बिजली की सुविधा नहीं थी, इसलिए उन्हें लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की थी। मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के केवटा गांव के रहने वाले आईएएस अवनीश के पिता और दादाजी भी शिक्षक थे।
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