रायगढ़। रायगढ़ कलेक्टर के नाम से स्कूल—कालेजों के लिए एक आदेश जारी हुआ है, जिसमें बढ़ते कोविड—19 का हवाला देते हुए नौ जनवरी से पांच फरवरी तक छुट्टी की घोषणा की गई है। दरअसल, आदेश की ये कॉपी और लेटर फर्जी है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। असलियत ये है कि अब कलेक्टर ने ही इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच जहां राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर छोटे बच्चों के लिए पांच से सात जनवरी तक छुट्टी की घोषणा की थी। ठंड अब भी बरकरार है और अभिभावक भी चाहते हैं कि बच्चों की छुट्टी आगे बढ़े। इस बीच सोमवार की सुबह से ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर लेटर की ये कॉपी वायरल होने लगी थी। इसके साथ ही यह प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया। जबकि न तो राज्य शासन की ओर से ठंड को देखते हुए अवकाश में बढ़ोतरी की गई है और न ही प्रदेश में कोरोना को लेकर ऐसा कोई माहौल है। बल्कि बीते कुछ समय से कोरोना के सामान्य मरीज ही बेहद कम संख्या में ही मिल रहे हैं। नए वैरियंट का तो छत्तीसगढ़ में फिलहाल नामोंनिशान नहीं है।
जबकि वायरल हो रहे लेटर में इसे ही छुट्टी का कारण बताया गया है और बच्चों के साथ ही सभी स्कूलों और कॉलेजों को इस अवधि में बंद रखने की बात कही गई है। जब इस बारे में रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू से बात की गई तो उन्हें भी पता चला कि ऐसा कोई पत्र उनके नाम से सोशल साइट्स पर जारी हुआ है। उन्होंने इस तरह की हरकत को गंभीरता से लिया है। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच करते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दे दिए हैं।
शरारती तत्वों की करतूत
दरअसल, पिछले सालों में तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह ने ऐसा आदेश जारी किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके ही आदेश की कॉपी में छेड़छाड़ कर इस तरह का आदेश संबंधी पत्र तैयार कर उसे वायरल कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी बी. बाखला ने इसे किसी शरारती तत्व की करतूत बताते हुए सभी पालकों और स्कूल प्रबंधन को इसे नजरअंदाज करने की अपील की है।
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