बालोद. सत्ताधारी दल कांग्रेस से गुंडरदेही जनपद अध्यक्ष बनी सुचित्रा साहू की कुर्सी उस वक्त डगमगाती नजर आ रही थी, जब 15 जनपद सदस्यों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन कलेक्टर को सौंपा था। खास ये कि इनमें से छह सदस्य कांग्रेस से थे। यानी अपनी ही पार्टी के सदस्य भी उनसे खफा थे। मामले को जनपद अध्यक्ष पार्टी की बैठक में ले गईं। आखिरकार पदाधिकारियों की समझाइश के बाद फिलहाल के लिए सुलह हो गई है। लेकिन, अब पार्टी के पदाधिकारियों व स्थानीय विधायक ने स्पष्ट संकेत ये भी दिए हैं कि एक—दूसरे का सम्मान बेहद जरूरी है। चाहे वे सदस्य हों या फिर अध्यक्ष। साफ है कि एक—दूसरे के प्रति नाराजगी का कारण उपेक्षा है, जिसके लिए दोनों पक्षों को ही समझाइश दी गई है।
आपको बता दें कि बीते 13 जनवरी को 15 जनपद सदस्यों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन कलेक्टर को सौंपा था। इसमें उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए अनुमति मांगी थी। इस बीच कलेक्टर की ओर से कोई जवाब आने से पहले अपनी डगमगाती कुर्सी को सुरक्षित करने जनपद अध्यक्ष सुचित्रा ने पूरा जोर लगाया। साथ ही उनकी ही पार्टी के छह सदस्यों की नाराजगी से उन्हें अपनी कुर्सी का डर भी सता रहा था कि कहीं पार्टी की ओर से ही उन पर अविश्वास न जताया जाए। पार्टी फोरम में मामला उठने के बाद समझाइश का दौर चला, जिसमें नाराज सदस्यों को भी पार्टी के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए।
इसीलिए बढ़ी थी नाराजगी
इधर भाजपा से जुड़े जनपद सदस्यों ने गुंडरदेही जनपद के अध्यक्ष सुचित्रा साहू पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। इनमें से एक यह है कि सत्ताधारी पार्टी से अध्यक्ष सुचित्रा साहू है। यही वजह है कि उन पर हमेशा सत्ता की धौंस दिखाकर मनमानी करने की शिकायतें करते रहे हैं। शासकीय कर्मचारियों के साथ भी अभद्र भाषा का प्रयोग करने की बात उन्होंने कही है। वहीं अब इधर, स्थानीय विधायक से लेकर पार्टी के पदाधिकारियों ने भी सदस्यों को तो समझाइश दी ही है, अध्यक्ष को भी साफ इशारा किया है कि एक—दूसरे का सम्मान करना ही होगा। यही पार्टी के हित में रहेगा।
‘कलेक्टर’ ने फोन करके सड़क निर्माण के एवज में मांगा कमीशन, सरपंच ने भिजवा दी जेल
सड़क हादसे में दो छात्रों की दर्दनाक मौत, धरने पर बैठे गांववाले
युवक पर भालू का हमला, युवक और मवेशी की मौत
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft