रायपुर. स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पदस्थ संविदा शिक्षकों व कर्मचारियों के भविष्य को लेकर जारी आशंका अब समाप्त हो गई है. राज्य सरकार ने उनका वेतन स्वयं देने का फैसला किया है.
पूर्व में इन्हें डीएमएफ फंड से भुगतान किया जा रहा था, जिसे नई सरकार ने बंद कर दिया था. इस फैसले से इन संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर चल रहे अटकलों का दौर भी समाप्त हो गया है.
बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना की थी. इस योजना के तहत शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को च्वाइस दी गई थी कि वे चाहें तो इन स्कूलों में आकर इंग्लिश मीडियम से बच्चों की पढ़ाई कराएं. इसके अलावा अन्य पदों को भरने के लिए संविदा नियुक्ति की गई थी.
तब इस पूरी योजना का संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलों में गठित समिति कर रही थी. इन स्कूलों के संचालन में होने वाले खर्च की भरपाई डीएमएफ से की जा रही थी. इसमें संविदा कर्मचारियों का वेतन भी शामिल था. सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार ने योजना के संचालन में बदलाव किया है.
इसके तहत इन स्कूलों के संचालन की जिम्मेदारी कलेक्टर की समिति से हटाकर सीधे शिक्षा विभाग को सौंप दिया है. शासकीय शिक्षकों को तो उनका वेतन शिक्षा विभाग से होता रहेगा, लेकिन संविदा के लिए विवाद की स्थिति बन रही थी. उन्हें नौकरी जाने का डर भी सता रहा था.
ऐसे मिलेगा वेतन
लोक शिक्षण संचालनालय से सभी डीईओ और सचिव स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल को पत्र लिखा गया है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि संविदा में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन भुगतान उत्कृष्ट शाला संचालन योजना के तहत स्थापना अनुदान मद में आवंटित राशि से किया जाएगा.
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