रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना ने गांव में खाद और कंडे तो शहर में कचरा के रूप में जाना जाने वाले गोबर को कीमती बना दिया है. यही वजह है कि प्रदेशभर में बड़ी संख्या में लोग इसे बेचकर अच्छा-खासा पैसा बना रहे हैं. चंद साल पहले तक मुफलिसी की जिंदगी बिताने वाले कई लखपति भी हो चुके हैं. खास बात ये कि इसमें एक जिला गोबर से कमाई के मामले में सबसे आगे है. इस जिले से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का खास नाता है.
जी हां, ये जिला और कोई नहीं सीएम भूपेश बघेल का गृह जिला दुर्ग है. यहां सबसे ज्यादा कुल 25 हजार 713 किसानों ने गोबर की बिक्री गोठानों में की है. इससे मिले पैसे से कई किसानों ने लाखों रुपये हासिल किए और अपनी व अपने परिवार की जिंदगी संवारी है. गाड़ियों से लेकर जमीन और अपने बच्चों की पढ़ाई तक में खर्च कर तरक्की की राह पर आगे बढ़े हैं. बता दें कि सबसे कम नारायणपुर के महज तीन हजार 164 किसानों ने गोबर बेचा है.
प्रदेश में अब तक इतनी खरीदी
बता दें कि प्रदेश में इस योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 यानी हरेली पर्व के दिन से हुई थी. अब तक कुल 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी गोठानों के माध्यम से की गई है. इससे किसानों या अन्य गोबर संग्रहकर्ताओं को कुल चार अरब 12 करोड़ 19 लाख रुपये का भुगतान किया गया है.
इन्होंने संवारी अपनी जिंदगी
इन जिलों में सर्वाधिक किसानों ने की बिक्री
यहां रहा निराशाजनक प्रदर्शन
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