जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला स्थित एक हॉस्टल में अधीक्षक ने ऐसा फर्जीवाड़ा किया कि प्रशासन के भी होश उड़ गए. इस जर्जर हॉस्टल में एक भी छात्र नहीं रहता, लेकिन रिकॉर्ड में सबकी उपस्थिति दर्शाई जा रही थी. फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद हॉस्टल अधीक्षक से 36 लाख रुपये वसूली का आदेश जारी किया गया है.
बता दें कि मामला जिले के बास्तानार ब्लॉक के बिरचेपाल गांव स्थित हॉस्टल का है. बीते दिनों यहां प्रशासनिक अफसरों की टीम ने जायजा लिया था. तब पता चला कि हॉस्टल में एक भी बच्चा नहीं रह रहा है. एक कमरे में पंखा टूटकर जमीन पर गिरा हुआ था. गद्दे भी फटे हुए थे.
पूरे छात्रावास में गंदगी पसरी हुई थी और दीवारें व कमरे खस्ताहाल नजर आ रहे थे. साफ था कि यहां लंबे समय से कोई नहीं रह रहा है. ऐसे में जांच टीम ने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि यहां कोई भी बच्चा नहीं रहता. बीच-बीच में कोई बच्चा आता भी है तो तत्काल लौट भी जाता है.
गांव से स्कूल आ रहे बच्चे
जांच में ये भी पता चला कि यहां रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चे अपने गांव से सीधे आते हैं और पढ़ाई के बाद गांव लौट जाते हैं. दरअसल, हॉस्टल रहने लायक ही नहीं रह गया है. जबकि उपस्थिति रजिस्टर में शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्शाया गया था. मतलब हॉस्टल अधीक्षक इसमें गड़बड़ी को अंजाम दे रहा था.
जारी हुआ नोटिस
मामले का पता चलने के बाद उच्चाधिकारियों को इसकी शिकायत की गई थी. इसके बाद सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने अधीक्षक को नोटिस जारी कर 36 लाख रुपये जमा करने नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए भी कवायद की जा रही है.
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