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छत्तीसगढ़ में आंदोलन करने से पहले भरना होगा फॉर्म, भड़काऊ भाषण दिया तो होगी FIR, गाइडलाइन जारी

 Newsbaji  |  Apr 24, 2022 05:45 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर. राजधानी रायपुर में बीते 24 घंटे में सरकार ने दो बड़े आंदोलनों को खत्म कर दिए है। पुलिस और प्रशासन की टीम ने सख्ती अख्तियार करते हुए बिजली संविदा कर्मचारी और नवा रायपुर में चल रहे किसानों के आंदोलन को बलपूर्वक बंद करवा दिया है। वहीं अब पूरे प्रदेश में गृह विभाग की तरफ से एक आदेश निकाल दिया गया है। जिसमें तमाम धरना, निजी, सार्वजनिक कार्यक्रम, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों, जुलूस, रैली, भूख हड़ताल जैसे कार्यक्रमों को लेकर पहले सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले आयोजनकर्ता पर सीधे कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है।

गृह विभाग ने जारी किया आदेश
छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग की तरफ से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जिसमें प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देशित किया गया है कि सभी सार्वजनिक आंदोलन, धरना प्रदर्शन, राजनीतिक कार्यक्रम आदि अब जिला प्रशासन से बिना अनुमति के आयोजित नहीं किए जा सकेंगे। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने अपने आदेश में कहा है कि यह अक्सर देखने में आता है कि कई संगठन बिना अनुमति के रैली धरना प्रदर्शन जुलूस का आयोजन कर रहे हैं और अनुमति लेने के बाद अपने कार्यक्रमों की रूपरेखा बदल देते हैं। जिससे यह आशंका है कि इस तरह की गतिविधियों से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, तो इसी लिए गाइडलाइन को जारी किया गया है।

अब पहले जमा करना होगा फॉर्म
सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे कि धरना प्रदर्शन, रैली को आयोजित करने से पहले कलेक्टर दफ्तर में एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसका बकायदा एक प्रारूप तैयार किया गया है। ये फॉर्म SDM कार्यालय से आवेदन करते वक्त लिया जा सकेंगा। इसमें आयोजन के पूरी जानकारी ली जाएगी। आयोजनकर्ता को 11 सवालों के जवाब के साथ फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह अनुमति देगा या नहीं और बिना अनुमति के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर FIR दर्ज की जाएगी।
शर्ते नहीं मानी तो होगी सख्त कार्रवाई

  • गृह विभाग की शर्तों के मुताबिक आयोजन में शामिल हर व्यक्ति को अनुमति की शर्तों का पालन करना अनिवार्य।
  • जिला प्रशासन और पुलिस का पूरा सहयोग करना होगा।
  • धरना या रैली के दौरान सड़क की व्यवस्था और कानून की व्यवस्था शांतिपूर्ण तरीके से बनाए रखनी होगी।
  • तय जगहों पर ही वाहनों की पार्किंग होगी।
  • नफरत फैलाने वाला कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जा सकेगा।
  • जुलूस में किसी भी तरह का कोई हथियार नशीला पदार्थ इस्तेमाल नहीं हो सकेगा ।
  • आयोजकों को अपने वॉलिंटियर रखने होंगे जो पुलिस और जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे।
  • आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा के नियमों का पालन किया जाएगा।
  • लाठी, डंडा या बंदूकों का इस्तेमाल नहीं होगा।
  • पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी होगी जिसे जुलूस आयोजन के 2 दिन के भीतर एसडीएम कार्यालय में जमा करवाना होगा।
  • लाउडस्पीकर वगैरह का इस्तेमाल बेहद धीमी आवाज में होगा।
  • आंदोलन में शामिल रहने या बने रहने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकेगा।
  • किसी निजी भूमि पर कार्यक्रम हुआ तो संबंधित व्यक्ति से एनओसी लेना होगा।
  • तय समय पर आंदोलन खत्म करना होगा।
  • आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के लिए भोजन पानी और चिकित्सा की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
  • आयोजन के प्रमुख 10 लोगों का नाम पता मोबाइल नंबर देना होगा।
  • आयोजन में किसी भी तरह के पशु या पक्षी का इस्तेमाल नहीं होगा।
  • व्यवस्था बनाने में लगे पुलिस ने जिला प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकेगा।
  • सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
  • आयोजन समिति के आवेदक व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे, अगर किसी भी तरह का उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ f.i.r. की जाएगी।
  • अनुमति प्राप्त नहीं होने पर आयोजन नहीं हो सकेगा।
  • कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को पारंपरिक मान्यता वाले शस्त्र लाठी तलवार त्रिशूल भाले, भाले वाले झंडे वगैरह का प्रयोग करने से पहले जानकारी देनी होगी।

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