अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में सीतापुर के स्टेडियम ग्राउंड पर करमा महोत्सव का समापन किया गया. इस मौके पर स्टेडियम में हजारों की संख्या में जिले व संभाग से आए नर्तक-नर्तकियों ने 8 गोलों में खड़े होकर एक ही धुन पर एक जैसे कदमताल के साथ करमा, सुआ और शैला की प्रस्तुति दी. देखने वाले अचंभित होकर इन कलाकारों की जुगलबंदी को बस देखते रह गए.
इस जिला स्तरीय करमा महोत्सव की शुरुआत 2 अक्टूबर से की गई थी. इसमें स्थानीय कलाकारों ने अलग-अलग लोकनृत्य की प्रस्तुति दी. जबकि समापन कार्यक्रम बेहद खास रहा. इसमें हजारों की संख्या में नर्तकियों और नर्तकों ने पूरे ग्राउंड में अलग-अलग 8 लेयर के गोलों में खड़े होकर नृत्य किया. मांदर की थाप पर परंपरागत वेशभूषा में लोकनृत्यों की मनोहारी प्रस्तुति हुई. करमा, सुआ और शैला नृत्य विधाओं में कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी.
मंत्री अमरजीत भगत ने कही ये बात
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री भगत ने विजेता टीमों को पुरस्कार का वितरण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस आयोजन की शुरुआत हुई है. सरगुजा आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां की संस्कृति देशभर में प्रसिद्ध है. ऐसे आयोजनों से लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं और लोगों के बीच स्नेह और प्यार बना रहता है.
ये रहे विजेता
करमा नृत्य में मैनपाट का दल प्रथम रहा. जबकि दूसरे स्थान पर डांगबुडा मैनपाट ने कब्जा किया. तीसरे स्थान पर सूर सीतापुर के को चुना गया. सुआ में प्रथम ग्राम मांजा बतौली, द्वितीय काराबेल मैनपाट व तीसरा स्थान धरमपुर सीतापुर के दल ने हासिल किया. शैला में प्रथम बरगई अंबिकापुर, दूसरा स्थान पोपरेंगा बतौली व तीसरे स्थान पर नवानगर अंबिकापुर को पुरस्कार मिला.
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