दुर्ग-भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शिवनाथ नदी में बीती रात से भीषण बाढ़ की स्थिति है। इसके तट पर स्थित धमधा विकासखंड के ग्राम सहगांव दोपहर तक बाढ़ का पानी से पूरी तरह घिर गया मगर जिले के प्रशासनिक अमले इससे बेखबर रहे ग्रामीणों की माने तो गांव के कई घरों में पानी भर गया था। इसकी वजह से ऐसे परिवारों ने परिचितों के यहां आश्रय लेना पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति दुर्ग ब्लाक के भी कई गांवों और नदी तट के शहरी क्षेत्र की निचली बस्तियों में बसे श्रमिक बस्तियों में भी रही। कई गांव बाढ़ से घिर जाने के बाद अधिकारियों द्वारा इन ग्रामों में ग्राम पंचायत में दाल चावल आदि राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश जारी किए गए। पांच दिन पहले 11 अगस्त को बनी बाढ़ की स्थिति के बावजूद प्रशासन ने पहले से इस समस्या से निपटने के लिए कोई तैयारी तक नहीं की।
बताया जा रहा है कि, शिवनाथ नदी के किनारे बसे गांवों में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। कई ऐसे गांव है जो बाढ़ के पानी से घिर जाने के कारण बाहरी संपर्क से कट चुके। स्थानीय सहगांव के ग्रामीण संतोष कुमार ने बताया कि गांव में लगभग चार सौ की आबादी है। जहां 50 से 60 घर पानी में डूब चुके हैं। इन घरों में रहने वाले ग्रामीण अपने रिश्तेदारों एवं परिचितों के यहां आश्रय लिए हुए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने गांव में बाढ़ की स्थिति को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की है। मेडिकल भोजन आदि की भी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था पर आक्रोश जताते हुए कहा कि हर बार बाढ़ की स्थिति में उनके गांव के लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। वहीं, मंगलवार को दोपहर 3 बजे से बिजली भी काट दी गई है। यदि बुधवार तक पानी नीचे नहीं उतरता है तो पेयजल को लेकर भी समस्या की स्थिति निर्मित हो सकती है।
बाढ़ के चलते खाद्यान्न की समस्या
जानकारी के अनुसार, जलाशयों से छोड़े गए पानी की वजह से निर्मित बाढ़ की स्थिति के कारण शिवनाथ नदी तट पर स्थित दुर्ग विकासखंड के ग्राम दांडेसरा, चंगोरी, खाड़ा रुदा, भोथली, धमधा विकासखंड के ग्राम सहगांव चारों ओर से पानी ही पानी नजर आ रहा है। भोथली गांव के सरपंच सुरेश साहू बताते है कि, उनके गांव के लगभग 70 परिवार के मकानों में पूरी तरह से पानी भर गया है। इनमें से 8 परिवारों को एक स्कूल में ठहराया गया है, शेष परिवार अपने परिजनों या परिचितों के यहां आसरा लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में एक क्विंटल अतिरिक्त भंडारित चावल के अलावा अन्य कोई राशन की व्यवस्था पहले से नहीं की गई है। पानी से चारों तरफ से घिर चुके इस गांव में ट्रैक्टर के माध्यम से चुनौतियों का सामना करते हुए जनपद के अधिकारियों के एक दल ने ग्रामीणों की मांग पर पहुंचकर दवा पहुंचाई है।
बाढ़ पीड़ित करते रहे भोजन का इंतजार
बताया जा रहा है कि शिवनाथ नदी में बने पुल के पास शिवनाथ पारा बस्ती में पूरी तरह से घरों में पानी भर गया है। इसके कारण यहां पर रहने वाले परिवारों के लगभग 100 सदस्यों ने पास के ही गुरुद्वारा एवं एक निजी मैरिज पैलेस में आश्रय लिया हुआ है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि पूरी रात लोग नहीं सो पाए हैं। तेजी से जल स्तर बढ़ने पर रात 2 बजे वे अपने घरों को छोड़कर इन स्थानों तक जैसे-तैसे अपने रिस्क व आपनी सुरक्षा करते हुए पहुंचे हैं। बाढ़ में फंसे एक ग्रामीण ने बताया कि यहां पर 100 लोग ठहरे हुए हैं। मगर दोपहर 2.30 बजे तक यहां ठहरे अधिकांश लोगों को भोजन तक नहीं मिल पाया।
बाढ़ के पानी ने मचाया तांडव
मिली जानकारी के मुताबिक, बाढ़ का पानी नदी तट पर स्थित अनेक ग्रामों की बस्तियों तक पहुंच गया है। इनमें बाढ़ से घिरे गांवों के अलावा ग्राम तिरगा झोला, पीसेगांव, कोलिहापुरी, पीपर छेड़ी, झेंझरी, पुलगांव, मोहलाई, भरदा , कोनारी, कोटनी, हरदी, पथरिया, अरस नारा, महमरा, आलबरस भरदा, आदि शामिल है। ग्राम पंचायत महमरा सरपंच ने बताया उनके ग्राम के निचली बस्तियों के घरों तक पानी पहुंच गया है। 30 परिवारों के घर पानी में डूबे है। इनमें 8 परिवारों को सांस्कृतिक भवन में ठहराया गया है और बाकी परिवारों के लिए भी ठहराने की व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि, ग्राम पंचायत भवन तक पानी आ गया है। तीनों ओर से गांव पानी से घिर गया है।
पुलगांव बायपास बंद
मंगलवार को बाढ़ का पानी इतना बढ़ गया ता कि दोपहर तक पुलगांव नाला पुल के दोनों ओर पानी भर जाने से पुल के ऊपर से आवागमन बंद करना पड़ गया। लोग वहां तक न पहुंच सके इसके लिए गंजपारा चौक एवं मिनी माता चौक में बेरीकेट्स लगा दिया गए थे। इससे बालोद की ओर जाने वाले वाहन पुलगांव बाययास से गुजर रहे थे। मगर जलस्तर बढ़ने से पुलगांव बायपास सड़क के डेढ़ फीट ऊपर से शाम 5 बजे पानी का बहाव होने लगा इससे उक्त मार्ग बंद कर दिया गया, फिलहाल हालात पर काबू पानी की कोशिश की जा रही है।
जलाशयों से पानी छोड़ने का सिलसिला जारी
शिवनाथ में राजनांदगांव जिले के बैराजों से सोमवार को पहले 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। फिर बाद में इसे कम कर 48 हजार क्यूसेक कर दिया। मंगलवार को बैराजो से 32 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया और आज सुबह बैराजों से 7500 क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है। सुबह 4 बजे की स्थिति में बैराजों से घटते क्रम में पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है। मोगरा जलाशय मे 4000, सूखानाला से 3000 और घूमरिया से 500 क्यूसेक पानी छोड़ना जारी है।
जिला प्रशासन के पास जानकारी का अभाव
उधर, धमधा एसडीएम ब्रिजेश क्षत्रिय ने बताया कि क्षेत्र के किसी गांव में पानी नहीं घूसा है और न ही कोई गांव बाढ़ से घिरा है। पूरा अमला मुश्तैद है। दुर्ग एसडीएम मुकेश रावटे बताते है कि, भरदा में 30 और आलबरस में ईंट भट्टे में फंसे 20 व अरसनारा से तीन श्रमिकों को सुरक्षित स्थान पर बाहर निकाला गया है। वहीं जिले में बाढ़ की स्थिति की सही जानकारी जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी नहीं दे पा रहे है।
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