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छत्तीसगढ़ में आधी रात इस थाने में लिखी गई भारतीय न्याय संहिता के तहत पहली FIR, दंड नहीं, अब होगा न्याय

 Newsbaji  |  Jul 01, 2024 03:05 PM  | 
Last Updated : Jul 01, 2024 03:05 PM
कबीरधाम जिले के रेंगाखार में प्रदेश की भारतीय न्याय संहिता के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है.
कबीरधाम जिले के रेंगाखार में प्रदेश की भारतीय न्याय संहिता के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है.

रायपुर/कबीरधाम. देश को अंग्रेजों से आजादी 15 अगस्त की आधी रात को मिली थी. ठीक उसी तर्ज पर जब 3 जुलाई को औपन‍िवेश‍िक कानून भारतीय दंड संहिता से आजाद होकर भारतीय न्याय संहिता की बुनियाद रखी गई है तो इसका पहला उपयोग छत्तीसगढ़ में आधी रात को ही किया गया. जी हां, ये बुनियाद कबीरधाम जिले के रेंगाखार थाने में भारतीय न्याय संहिता के तहत एफआईआर दर्ज कर रखी गई है. ठीक 12.30 बजे ये रिपोर्ट लिखी गई.

बता दें कि मामला मारपीट का ही क्यों न हो, शुभारंभ तो शुभारंभ ही होता है. वैसे भी मारपीट किसी और को भले ही साधारण बात लगे, लेक‍िन जिसके साथ ये अन्याय होता है, उसे ही इसका दर्द पता होता है, क्योंकि ये शारीरिक ही नहीं, मानसिक तौर पर भी मन को उद्वेलित करता है.

अब जब नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है, तो आरोपी को दंड गौण हो गया है और पीड़ित को न्याय मिलना मुख्य. तब कहीं न कहीं उसे न्याय दिलाकर ही नए कानून को सार्थक किया जा सकता है. देश और प्रदेश के हर नागरिक को भी उम्मीद है कि अब किसी भी कानूनी मामले में मुख्य जोर उन्हें न्याय दिलाने पर होगा.

ये और बात है कि थाने में पुलिस पर इस कानून का कितना फर्क पड़ता है. वैसे भी पिछले कई दशकों में भारतीय दंड संहिता में ही कई बदलाव किए जा चुके हैं, जिसमें पीड़ित ही नहीं, आरोपी तक को कई अधिकार दिए गए हैं. पुलिस पर कई तरह की बंदिशें लगाई गई हैं. उनके व्यवहार से लेकर उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं पर भी कई नियम लागू किए गए हैं. इसके बाद भी पुलिसिया बर्ताव पर पूरी तरह से काबू नहीं किया जा सका है.

ऐसे में नए कानून से ही सब कुछ सही हो जाए, ऐसा भी नहीं है. अब देखने वाली बात है कि कानून बनाने वाली संसद ने अपना काम तो कर दिया है. बीच के अफसर और खुद पुलिस का वह कर्मचारी जो सीधे तौर पर पीड़ित के संपर्क में आएगा, वह इनका कितना पालन करता है और इस कानून को कितना सार्थक करता है.

ये है छत्तीसगढ़ की पहली FIR (BNS) की कहानी
कबीरधाम जिले के रेंगाखार गांव के संगम चौक के पास ट्रैक्‍टर के कागजात नहीं देने के नाम पर प्रार्थी इतवारी पंचेश्वर से गोलू ठाकरे ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट की. घटना की शिकायत के बाद रेंगाखार पुलिस ने नई कानून के साथ गोलू ठाकरे के विरुद्ध धारा 296, 351 (ख) के तहत अपराध दर्ज किया है.

इस संबंध में एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि रात 12.5 बजे में सूचना आई की एक ट्रैक्टर के मालिक के साथ कागजात को लेकर विवाद किया जा रहा है. नए कानून के तहत फोन पर सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और 12.30 बजे आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296 और 351(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

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