रायपुर. सरकार के विभिन्न विभागों में आर्थिक कार्यों के लिए वित्त विभाग की मंजूरी जरूरी होती है. बजट खुद वित्त मंत्री जारी करते हैं. वहीं एक और आदेश को देखते हुए कहा जा रहा है कि सरकार में वित्त मंत्री ओपी चौधरी का कद और बढ़ गया है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद अपवाद के रूप में वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ही गैर मुख्यमंत्री रहे थे. इसके बाद सीएम ही वित्त मंत्री का प्रभार रखते थे. यानी प्रदेश की सत्ता का पावर सेंटर सीएम ही होते थे. लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हुआ है. वित्त मंत्री ओपी चौधरी को बनाया गया है और सीएम विष्णुदेव साय हैं. वित्त मंत्री हैं तो ओहदा भी बड़ा है. बजट भी उन्होंने ही पेश किया था.
अब नया आदेश विभाग प्रमुखों द्वारा की जाने वाली नई नियुक्तियों को लेकर है. जी हां, अब किसी भी विभाग में सीधी भर्ती या संविदा नियुक्ति से पहले वित्त मंत्रालय की अनुमति अनिवार्य होगी. इस संबंध में वित्त विभाग से सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा गया है. इसके तहत वे बिना वित्त की अनुमति के इन पदों पर भर्ती नहीं कर सकेंगे.
आदेश इनके लिए नहीं
- सीजी पीएससी भर्ती
- अनुकंपा नियुक्ति
ये नहीं हो सकेगा अब
कलेक्टर अपने स्तर पर आदेश जारी कर संविदा समेत अन्य माध्यमों से कर्मचारियों की भर्ती करते रहे हैं. कुछ इसी तरह संभागायुक्त भी नियुक्ति देते हैं. लेकिन, अब उन्हें भी विभाग प्रमुखों की तरह संविदा या अन्य भर्ती से पूर्व वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य रहेगी.
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