अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हाथी के हमले में 8 महीने की बच्ची और उसके माता-पिता बुरी तरह जख्मी हुए हैं. बच्ची को अंदरूनी चोट आने की बात सामने आई है. ये परिवार जंगल में तिरपाल लगाकर सो रहे थे, ताकि सुबह-सुबह महुआ बिन सकें. सभी घायलों का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.
बता दें कि मामला जिले के उदयपुर फॉरेस्ट रेंज के फतेहपुर गांव से लगे जंगल का है. दरअसल, यहां कई परिवार इन दिनों महुआ बिनने के लिए जंगल जाते हैं. सुबह ज्यादा से ज्यादा महुआ इकट्ठा करने के लिए वे रात में ही परिवार समेत जंगल चले जाते हैं. यहां भी 34 वर्षीय दुर्गा पिता बंधु जाति गोंड़ अपनी पत्नी 32 वर्षीय हारमती और 8 महीने की बच्ची अंजना को लेकर जंगल चला गया था.
घटना भोर में करीब 3 बजे के आसपास की है. वे सभी तिरपाल लगाकर उसके अंदर सो रहे थे. तभी 2 हाथियों ने आकर उन पर हमला कर दिया. महिला की छाती में गंभीर चोट आई है तो पुरुष के कमर में चोट लगी है. जबकि बच्ची को अंदरूनी चोट आने की बात डॉक्टरों ने बताई है.
सुबह वन विभाग की टीम ने एंबुलेंस को बुलाया. फिर घायलों को उदयपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को जिला अस्पताल रेफर किया गया. यहां तीनों का उपचार किया जा रहा है. वहीं वन विभाग की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है.
अलर्ट के बाद भी पहुंचे थे जंगल
इस बीच वन अफसरों ने बताया है कि 2 हाथियों के दल का पिछले एक सप्ताह से उदयपुर वन परिक्षेत्र में विचरण करने की जानकारी मिल रही थी. इसे लेकर पूरे इलाके में लोगों को सतर्क किया गया था. उन्हें जंगल में जाने से मना किया गया था. इसके बाद भी दुर्गा परिवार समेत जंगल चला गया था.
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