बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मारवाही जिले में जंगली हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की उम्र 47 साल बताई जा रही है। मारवाही संभागीय वन अधिकारी दिनेश पटेल ने बताया कि कटरा वन क्षेत्र के बेलझरिया गांव में शनिवार शाम को उस समय हुई, जब रामधन गोंड अपने रोजमर्रा के कामकाज से घर लौट रहे थे। इसी के साथ मध्य प्रदेश से सटे इस जिले में इस साल मार्च से अब तक चार लोग हाथियों के हमले में मारे जा चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, रामधन गोंड अपने घर के पीछे हाथी को देखकर जोर से चिल्लाए। तभी हाथी ने उन्हें सूंड़ से उठाकर जमीन पर पटक दिया और पैर से कुचल कर मार डाला। वन विभाग के अधिकारी के अनुसार, गोंड की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी वहां से भागने में कामयाब रही। मृतक के परिवार को तत्काल 25,000 रुपए की राहत दी गई है और 5.75 लाख रुपए का शेष मुआवजा जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दिया जाएगा।
देश में पिछले पांच साल में बाघ, तेंदुए या शेर के हमले में 181 लोगों की मौत हुई है। वहीं हाथी के हमले में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह चौंकाने वाली जानकारी राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में सामने आई। राज्यसभा में हाथियों से इंसानी मौत के 2017 से 2021 तक के पांच साल के आंकड़े दिए गए हैं उनमें से छत्तीसगढ़ में इस दौरान 328 लोगों की हाथियों के हमले से हुई है। जानकार कहते हैं कि, जानवरों के व्यवहार में यह बदलाव इंसानों के कारण ही हुआ है जो जंगलों में इनके विचरण के रास्तों और रहने के स्थानों पर लगातार कब्जा करते जा रहे हैं।
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