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बलरामपुर में जंगली हाथी का कहर: हमले में एक ग्रामीण की मौत

 Newsbaji  |  Jul 23, 2024 02:12 PM  | 
Last Updated : Jul 23, 2024 02:12 PM
बलरामपुर जिले में जंगली हाथी ने ग्रामीण को कुचलकर मार डाला.
बलरामपुर जिले में जंगली हाथी ने ग्रामीण को कुचलकर मार डाला.

बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज के तहत ग्राम बगरा में सोमवार रात को पैदल घर लौट रहे ग्रामीणों का सामना एक जंगली हाथी से हो गया, जहां हमले में एक व्यक्ति की जान चली गई. ग्राम कृष्णनगर के निवासी राजाराम सिंह (45) और उनके साथी लक्ष्मण सिंह (50) ग्राम चाकी से वापस लौट रहे थे. दोनों देर रात जंगल के रास्ते पैदल ही घर जा रहे थे. बगरा मोड़ के पास स्थित गोठान के पास सुस्ताने के लिए बैठे थे, तभी अचानक वहां एक अकेला विचरण कर रहा हाथी आ पहुंचा.

हाथी ने पहले लक्ष्मण सिंह को सूंढ़ से धक्का दिया, जिससे वह गिर पड़े. इसके बाद हाथी ने राजाराम सिंह को सूंढ़ से उठाकर पटक दिया और कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. गिरने के बाद लक्ष्मण सिंह किसी तरह भागने में कामयाब हो गए और उन्होंने बगरा पहुंचकर ग्रामीणों को इस घटना की सूचना दी. ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को हाथी के हमले की जानकारी दी.

वन विभाग की टीम रात में ही मौके पर पहुंची और हाथी से दूर रहने की सलाह दी. घायल लक्ष्मण सिंह को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. रामानुजगंज के रेंजर संतोष पांडेय ने बताया कि यह हाथी अपने दल से अलग होकर बगरा पहुंचा है. हाथी के पास के जंगल में मौजूद होने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सलाह दी गई है.

इसके साथ ही शाम ढलने के बाद बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है. बगरा और आसपास के गांवों में मुनादी कराई जा रही है ताकि लोग सतर्क रहें. वन विभाग ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों को आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की गई है.

हाथी यहां बड़ी समस्या
बलरामपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. हाथियों के जंगलों से भटक कर गांवों में आने की घटनाएं आम हो गई हैं. इसके पीछे मुख्य कारण है जंगलों का कटाव और हाथियों के प्राकृतिक आवास का घटता क्षेत्र. खाने और पानी की तलाश में हाथी अक्सर मानव बस्तियों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं.

हाथी मानव जीवन और संपत्ति दोनों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. फसलों को नष्ट करना, घरों को नुकसान पहुंचाना और कभी-कभी इंसानों पर हमला करना इनके सामान्य व्यवहार में शामिल हो गया है. ग्रामीणों के लिए यह एक बड़ी समस्या है, क्योंकि उनकी आजीविका और जीवन दोनों ही खतरे में पड़ जाते हैं.

वन विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और लगातार प्रयास कर रहा है कि हाथी और मानव के बीच के इस संघर्ष को कम किया जा सके. वन विभाग की टीम हाथियों को उनके प्राकृतिक आवास में वापस भेजने और ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए मुनादी करती है. इसके अलावा, वन विभाग ने हाथियों के हमले से बचने के उपाय भी सुझाए हैं, जैसे कि गांवों के आसपास बैरियर बनाना, रात में बाहर न निकलना, और हाथियों के आगमन की स्थिति में तुरंत वन विभाग को सूचना देना.

हाथी संरक्षण के प्रयासों के बावजूद, हाथियों और मानव के बीच संघर्ष को पूरी तरह समाप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. इसके लिए वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सामंजस्य और सहयोग की आवश्यकता है. इस घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि हाथियों के साथ संघर्ष में मानव जीवन कितना असुरक्षित हो सकता है. इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना समय की मांग है, ताकि ग्रामीण सुरक्षित रहें और हाथियों का भी संरक्षण हो सके.

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