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सरगुजा में हाथी का कहर: 2 दिनों में 5 की मौत, ग्रामीणों में दहशत

 Newsbaji  |  Aug 12, 2024 11:56 AM  | 
Last Updated : Aug 12, 2024 11:56 AM
सरगुजा में हाथी का कहर जारी है.
सरगुजा में हाथी का कहर जारी है.

अंबिकापुर. सरगुजा जिले के लुंड्रा वन परिक्षेत्र में रविवार की देर शाम एक महिला को हाथी ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया. यह वही हाथी है, जिसने पिछले दो दिनों में जशपुर जिले के बगीचा क्षेत्र में चार अन्य लोगों की जान ली थी. इस घटना के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में भय का माहौल है, और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुटे हुए हैं.

महिला, रामबाई (30), अपने पुराने घर जाने के लिए जैसे ही नए घर से बाहर निकली, उसका सामना अचानक हाथी से हो गया. रामबाई ने बचने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने उसे सूंड से उठाकर पटक दिया और फिर पैरों से कुचल दिया. इस दर्दनाक हादसे में रामबाई की मौके पर ही मौत हो गई. हाथी के गांव के पास आने की सूचना पर वन विभाग का दल तुरंत मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी.

जशपुर जिले के बगीचा क्षेत्र में शनिवार को इसी हाथी ने एक घर में सो रहे तीन लोगों सहित चार व्यक्तियों की जान ली थी. इसके बाद, हाथी ने सरगुजा जिले के बतौली क्षेत्र में प्रवेश किया और वहां से होते हुए लुंड्रा वन परिक्षेत्र के गेरसा गांव पहुंच गया. अकेला होने के कारण यह हाथी तेजी से इधर-उधर घूम रहा है, जिससे वन विभाग के लिए इसे ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है.

वन विभाग ने संभावित खतरे को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया है. बावजूद इसके, कई ग्रामीण अभी भी अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. गेरसा पंचायत के माझापारा में एक परिवार बस्ती से 200 मीटर दूर जंगल के किनारे निवासरत था. रामबाई के पति ने वन विभाग की चेतावनी के बाद अपने बच्चों को सुरक्षित बस्ती में स्थित पुराने घर में पहुंचा दिया था, लेकिन रामबाई इस हादसे का शिकार हो गई.

ग्रामीणों में भय का माहौल बढ़ता जा रहा है, और वे समूह में सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. वन विभाग का मैदानी अमला लगातार हाथी की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है और इसे नियंत्रित करने के प्रयास में जुटा हुआ है. वहीं, गांव गाजरमुंडा, गेरसा, झेराड़ीह, और असकला सहित आसपास के अन्य गांवों में भी लोगों को सतर्क किया जा रहा है.

वन विभाग द्वारा जारी की गई सतर्कता के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी के आतंक का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. यह घटना फिर से जंगल और गांवों के बीच के टकराव को उजागर करती है, जहां हाथी जैसे विशालकाय जीवों की जानलेवा गतिविधियां ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन रही हैं.

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