अंबिकापुर. एक ओर हाथियों का दल और दूसरी ओर लोगों की भीड़. इसे दुस्साहस कहेंगे या फिर अपनों को बचाने की चिंता. आखिर शासन-प्रशासन को जिसमें वन विभाग भी शामिल है, किसका इंतजार है. कर्नाटक जैसे राज्य में जहां यहां से ज्यादा हाथी है, वहां हाथी प्रबंधन सीख लिया गया. यहां ऐसी क्या दिक्कतें हैं. अब तो यहां हाथी अंबिकापुर शहर के नजदीक पहुंच रहे हैं. ये तस्वीर भी बिल्कुल शहर के पास नेशनल हाईवे की है.
बता दें कि 27 जंगली हाथियों का ये दल अंबिकापुर शहर 5 किलोमीटर दूर कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचा है. मंगलवार की अलसुबह से अब तक हाथियों ने 2 से 3 बार राष्ट्रीय राजमार्ग को पार किया है. इसके चलते ट्रैफिक को भी रोकना पड़ा. पिछले 5 दिनों से बांकी डैम के आसपास के जंगल में ये हाथी विचरण कर रहे हैं.
लोगों के दुस्साहस से रुके हाथी
आपको बता दें कि पिछले सालों में हाथियों के कई दल ग्राम लालमाटी की ओर बढ़ते रहे हैं, जिससे ये अंबिकापुर के एकदम पास आ जाते हैं या कभी कोई भटका हुआ हाथी घुस भी जाता है. वन विभाग के भरोसे रहने के बजाय अब लोग भी दुस्साहस करने लगे हैं. यही वजह रही कि इस बार उनकी घेराबंदी के कारण हाथी आगे नहीं बढ़ सके.
लोगों को हटाने पहुंची पुलिस
हालांकि मौके पर वन विभाग की टीम भी पहुंच गई. लोगों को हाथियों को खदेड़ने से रोकने लगे. जब नहीं माने तो पुलिस को सूचना दी. पुलिस लोगों को मना करती रही. फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं थे. आखिरकार सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ और उनके शोर मचाने से हाथी आगे बढ़ने के बजाय वापस लौट गए. दूसरी बार हाथियों के राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक आ जाने के कारण आवागमन भी रोकना पड़ा.
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