अंबिकापुर। आमतौर पर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा समेत अन्य नानवेज का वितरण होने की जानकारी मिलते ही विरोध होता सुने होंगे। लेकिन, इसके उलट सरगुजा में अंडा दो अभियान चलाया जा रहा है और सरकार से आंगनबाड़ी के हर बच्चे के लिए खाने में अंडा मांगा जा रहा है।
दरअसल, सरगुजा समेत प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों से संबद्ध कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उनके भोजन में अंडे को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य उनकी पोषण आवश्यकताओं को पूरा करना है। इससे कुपोषित बच्चे जल्द से जल्द सामान्य हो सकेंगे। वहीं गर्भवती महिलाओं को ज्यादा पोषण की जरूरत ही होती है।
इसके विपरीत, आंगनबाड़ी के सामान्य बच्चों को अंडे का वितरण नहीं किया जा रहा है। जबकि बड़े हो रहे सामान्य बच्चों को भी यदि अंडे दिया जाए तो उनमें पोषण बरकरार रहता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर संघ के बैनर तले आंदोलन शुरू किया गया है। इसमें बच्चों और उनके अभिभावकों का भी समर्थन मिल रहा है। इसी के तहत उन्होंने रैली भी निकाली और सरगुजा कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
उच्चाधिकारियों को देंगे जानकारी
इस मामले को लेकर महिला बाल विकास अधिकारी बसंत मिंज ने बताया कि सरगुजा जिले में तीन हजार से अधिक कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडा दिया जा रहा है। लेकिन, इनकी मांग है कि आंगनबाड़ी में आने वाले सभी बच्चों को अंडे का वितरण किया जाए। इसी के लिए ज्ञापन सौंपा गया है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी। जैसे ही निर्देश आएगा, वैसे ही सभी बच्चों के लिए अंडों की व्यवस्था कर उन्हें वितरित किया जाएगा।
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