बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी केंद्रीय एजेंसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई है. ये याचिका प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से दायर की गई है. इसमें विभिन्न घोटालों का हवाला दिया गया है.
बता दें कि ईडी की ओर से कोल स्कैम, शराब घोटाला समेत कई अन्य प्रकरणों की जांच की जा रही है. इसमें कई आईपीएस अफसर शिकंजे में हैं, जेल भी भेजे गए हैं. सरकार व कांग्रेस संगठन से जुड़े लोगों और दलालों को भी पकड़ा गया है. उनसे पूछताछ कर दस्तावेज भी हासिल किए गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निज सचिव रही राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया भी इन दिनों जेल में बंद है. इन सबके बीच अब ईडी ने छत्तीसगढ़ के इतिहास में सीधे सरकार के खिलाफ जांच की मांग कर सनसनी फैला दी है.
याचिका में ये कहा-
ईडी की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार शराब घोटाला मामले के आरोपियों को संरक्षण दे रही है. इसी तरह कोयला घोटाला व अवैध वसूली के मामले में जेल में बंद आरोपियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं. इस तरह राज्य सरकार आरोपियों को पूरा संरक्षण दे रही है. जेल में मिल रहीं सुविधाओं का भी इसमें जिक्र किया गया है. इस संबंध में सरकार को पत्र भी लिखा गया था. तब भी कोई कार्रवाई सरकार की ओर से नहीं की गई है.
पुलिस के जरिए की जाती है निगरानी
प्रवर्तन निदेशालय की याचिका में एक और गंभीर आरोप ये भी लगाया गया है कि राज्य सरकार की ओरसे पुलिस द्वारा ईडी की निगरानी कराई जा रही है. इस संबंध में बतौर सबूत डिजिटल साक्ष्य भी कोर्ट को सौंपा गया है.
चलने योग्य है या नहीं, तय नहीं
बहरहाल इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका ही दायर की गई है. जब मामले की पहली सुनवाई होगी तब कोर्ट तय करेगा कि ये याचिका चलने योग्य है भी या नहीं. यदि इसे सुनवाई के लिए रखने की अनुमति मिल गई तो ईडी अपनी मांग सीबीआई जांच पर कायम रहेगी. फिर कोर्ट इस पर अपना निर्णय सुनाएगा. बहरहाल ईडी और राज्य सरकार के बीच चल रहा मुद्दा एक बार फिर ज्वलंत हो गया है. राज्य सरकार भी ईडी जांच को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित बताती रही है.
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