रायपुर. छत्तीसगढ़ में हुए कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मामले और ईडी द्वारा की जा रही जांच के बीच सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आई है. कोर्ट ने ईडी को जांच के नाम पर और गिरफ्तारी का डर दिखाकर भय का माहौल नहीं बनाना चाहिए. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भी सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पैरवी करते हुए आबकारी अफसरों को धमकाने का आरोप लगाया.
बता दें कि एक याचिका ईडी की रिमांड पर रह रहे अनवर ढेबर ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें उनकी ओर से कहा गया कि उनके परिवार पर भय बनाया जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी की जाएगी. तब ईडी के वकील ने जस्टिस संजय किशन कौल ओर जस्टिस ए. अमानुल्लाह के समक्ष आश्वस्त किया कि अनवर की पत्नी करिश्मा ढेबर को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. वहीं उन्हें जांच में भाग लेना होगा. साथ ही अंतरिम जमानत को लेकर भी अनवर की ओर से सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी, जिस पर अवकाशकालीन जज के समक्ष इस मामले में 29 मई को सुनवाई होने की बात कही गई.
राज्य सरकार के पक्ष में सिब्बल ने रखी ये बात
बता दें कि आबकारी समेत अन्य विभागों के कई अफसर ईडी द्वारा डराने व षड्यंत्र रचकर सीएम भूपेश बघेल काे फंसाने के लिए दबाव बनाने की बात कह रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कोर्ट के समक्ष ये बातें रखी. कहा गया कि अफसरों पर दबाव इतना है कि वे इस विभाग में काम ही नहीं करने की बात कह रहे हैं.
आरोप सही तो गंभीर बात: सुप्रीम कोर्ट
कपिल सिब्बल की बातें सुनने के बाद कोर्ट की ओर से कहा गया कि यदि ये आरोप सही है तो फिर ये गंभीर बात है. वहीं ईडी की ओर से उनके अधिवक्ता अपनी बात रख रहे हैं. बता दें कि अनवर ढेबर की ओर से पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ अग्रवाल ने पैरवी करते हुए उनका पक्ष रखा है.
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