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ड्रोन से 20 मिनट में PHC से 40 किलोमीटर दूर मेडिकल कॉलेज पहुंचा ब्लड सैंपल, छत्तीसगढ़ में ट्रायल सफल

 Newsbaji  |  Feb 19, 2024 04:02 PM  | 
Last Updated : Feb 19, 2024 04:02 PM
अंबिकापुर में ड्रोन के जरिए मेडिकल सामान पहुंचाने का सफल ट्रायल किया गया है.
अंबिकापुर में ड्रोन के जरिए मेडिकल सामान पहुंचाने का सफल ट्रायल किया गया है.

अंबिकापुर. ड्रोन तकनीक को मेडिकल के फील्ड में लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजना ड्रोन टेक्निक इन हेल्थ केयर शुरू की गई है. इसका ट्रायल अंबिकापुर में सफल रहा. इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मरीजों के ब्लड सैंपल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया. ड्रोन ने 40 किलोमीटर की दूरी तय कर सैंपल को 20 मिनट में पहुंचा दिया.

बता दें कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना ड्रोन टेक्निक इन हेल्थ केयर के तहत इन दोनों स्वास्थ्य संस्थाओं का चयन कर स्व सहायता समूह से जुड़ी दो बहनों को रिमोट पायलट कोर्स का प्रशिक्षण भी दिया गया है. भारत सरकार के डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन से अप्रूव्ड इस प्रशिक्षण के बाद सोमवार को ट्रायल किया गया. ड्रोन फेडरेशन आफ इंडिया से पंजीकृत कंपनी रेड विंग बेंगलुरु के कर्मचारियों ने ड्रोन से मेडिकल कालेज अंबिकापुर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 20-20 मिनट में जोड़ दिया.

मेडिकल कालेज अंबिकापुर के डीन डाॅ. रमनेश मूर्ति, अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आरसी आर्या की उपस्थिति में गंगापुर स्थित मेडिकल कालेज से  दोपहर 12:30 बजे ड्रोन के जरिए 3 सैंपल भेजे गए. दोपहर 12:50 बजे ड्रोन उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सफलतापूर्वक लैंड कर गया. वहां चिकित्सक-कर्मचारियों ने सैंपल उतार लिए. फिर उदयपुर अस्पताल से मरीजों का ब्लड सैंपल कल्चर जांच के लिए भेजा गया. उदयपुर से उड़ान भरने के 20 मिनट के भीतर ड्रोन मेडिकल काॅलेज अस्पताल परिसर में लैंड कर गया.

4 कंपनियां देंगी ट्रायल, एक का होगा चयन
यहां डीन के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर और मेडिकल के छात्र मौजूद थे. इस तरह पूरी कवायद सफल रही. आपको बता दें कि ड्रोन टेक्निक इन हेल्थ केयर की अनुमति मिलने के बाद यह सुविधा उपलब्ध कराने प्रबंधन ने टेंडर जारी किया था. इनमें से 4 कंपनियों को ट्रायल के लिए अनुमति दी गई है. बेंगलुरु की रेड विंग कंपनी ने सफल तरीके से परीक्षण पूरा कर लिया है. अब 3 और कंपनियां अपना ट्रायल देंगी. इसके बाद उनकी कार्यक्षमता और संसाधनों का आकलन के बाद किसी एक का चयन इस योजना के क्रियान्वयन के लिए किया जाएगा.

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