रायपुर. छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों से आकर वारदात को अंजाम देने वाले गिरोहों द्वारा शहरों में कई वारदात किए जा चुके हैं. ऐसे में लगातार मांग उठती रही है कि किराएदारों का वेरिफिकेशन किया जाए. इसी कड़ी में सार्थक पहल रायगढ़ शहर में शुरू कर दी गई है. यही नहीं, 2 संदिग्धों की तलाशी के बाद उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. जबकि 70 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराएं लगाई गई हैं.
बता दें कि बीते गुरुवार को थाना जूटमिल क्षेत्र के टुर्कुमुड़ा में एडिशनल एसपी संजय महादेवा के नेतृत्व में एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा, एसडीओपी खरसिया प्रभात कुमार पटेल के साथ साइबर सेल व शहर के सभी थानों की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा संदिग्धों की जांच और किरायेदारों के वेरिफिकेशन के लिये मकानों पर दबिश देने की शुरुआत की गई थी. वहीं अब ये कार्रवाई लगातार जारी है.
बताया जा रहा है पुलिस को सूचना मिली थी कि टुर्कुमुड़ा के लोगों द्वारा बाहरी लोगों और फेरी वालों को छोटे-छोटे मकानों को किराए में दिया जा रहा है. उनके संदिग्ध होने की शिकायतें भी आ रही थीं. इसे ध्यान में रखते हुए ही पुलिस ने यहां वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लिया.
प्रदेशभर में जरूरत
रायगढ़ शहर में ही लूट और डकैती के कई वारदात सामने आ चुके हैं. राजधानी रायपुर और बिलासपुर में भी बाहर से आकर किराए पर रहने और फिर बड़ी वारदात को अंजाम देने की बात सामने आ चुकी है. यदि मुसाफिरी दर्ज नियमित रूप से हो और किराएदारों की सूची थानों में दर्ज कराने की प्रक्रिया हो तो कई बड़ी वारदात से बचा जा सकता है. ऐसे में इसकी मांग उठती रही है.
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