भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि में जल्दी डिग्री चाहिए तो अर्जेंट वाले विकल्प में आवेदन करना पड़ेगा। इसमें 4 गुना ज्यादा शुल्क देने के बाद भी डिग्री कम से कम 8 दिन बाद ही मिल पाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन के रविए से छात्र परेशान हो रहे है।
दरअसल, यदि आप नार्मल शुल्क जमा कर आवेदन करते हैं तो कम से कम 02 से 03 महीने का समय लग जाएगा। इतनी देरी से डिग्री देने का प्रमुख कारण है कि परीक्षा एजेंसी का बदलना और कोरोनाकाल में हुई ऑनलाइन परीक्षा।
परीक्षा एजेंसी की बड़ी लापरवाही, डाटा किया नहीं अपडेट
तकनीकी विवि में पहले परीक्षा का काम टीसीएस देखरेख में हो रहा था। उसका अपना सॉफ्टवेयर था। उसके कार्यकाल को बढ़ाया नहीं गया। कंपनी अपना काम समेटकर चलती बनी। अपना सॉफ्टवेयर भी साथ में ले गई। नई एजेंसी पिछले चार महीने पहले आई है, उसका अपना नया सॉफ्टवेयर है। बताया जा रहा है कि उसका सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं है।
डिग्री के करीब 300 आवेदन प्रतिदिन आ रहे
इंजीनियरिंग व डिप्लोमा पासआउट ढाई से तीन सौ विद्यार्थी हर दिन विश्वविद्यालय में डिग्री के लिए आवेदन कर रहे हैं। ज्यादातर नार्मल शुल्क जमा कर आवेदन कर रहे। इंजीनियरिंग के 8 सेमेस्टर की और डिप्लोमा के 6 सेमेस्टर की अंक सूचियों को मिलाकर डिग्री बनाया जा रहा है। यदि कोई छात्र एटीकेटी और बैक वाला है तो समस्या बढ़ जाती है। डिग्री के लिए नार्मल आवेदन शुल्क 500 रुपए है तो अर्जेंट में चार गुना अधिक 2000 रुपए है।
अर्जेंट शुल्क वाले भी लगा रहे चक्कर
तकनीकी विश्विद्यालय के कुलसचिव के.के.वर्मा ने बताया कि पुरानी एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया था। उसके स्थान पर नई एजेंसी आई है। वह अभी तक अपना सॉफ्टवेयर अपडेट कर रही है। इसके पूरी तरह फंक्शन में आने में कुछ और समय लगने की संभावना है। इस लिए जिन छात्रों को जल्दी डिग्री चाहिए, वो अर्जेंट का शुल्क जमा कर डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। ।
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