रायपुर। छत्त्तीसगढ़ सरकार पर 82 हजार 125 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है और इस कर्ज का सरकार हर महीने 460 करोड़ रुपए का ब्याज अदा कर रही है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में सरकार के कर्ज की जानकारी के लिए सवाल उठाया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट सत्र में राज्य गठन से लेकर, अब तक लिए गए कर्ज के बारे में पूरी जानकारी दी है।
CM ने सदन में दिया जवाब
सदन में मुख्यमंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने राज्य के समग्र विकास के लिए अलग-अलग संस्थाओं से कर्ज लिया है। वर्ष 2022-23 के बजट में ब्याज के भुगतान के लिए 7 हजार 222 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। जनवरी 2023 तक 4 हजार 233 करोड़ रुपए का ब्याज के तौर पर भुगतान किया गया। 2 हजार 989 करोड़ रुपए का ब्याज का भुगतान अभी बचा है। राज्य गठन के समय एक नवंबर 2000 को 4 हजार 686 करोड़ रुपए का कर्ज था।
सरकार पर 82125 करोड़ का कर्ज
राज्य गठन से लेकर जनवरी 2023 तक सरकार ने एक लाख 5 हजार 535 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जनवरी 2023 तक मूलधन के रुप में 28 हजार 96 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। प्रदेश पर 82 हजार 125 करोड़ रुपए का कर्ज बचा हुआ है। इस वित्त्तीय वर्ष में 7 हजार 222 करोड़ रुपए का ब्याज भुगतान अनुमानित है। सीएम ने बताया कि, एक दिसंबर 2018 से जनवरी 2023 तक 22 हजार 753 करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान किया जा चुका है।
कर्ज का विवरण
कर्ज की संस्था | वर्ष 2019-20 | वर्ष 2020-21 | वर्ष 2021-22 | वर्ष 2022-23 |
बाजार से कर्ज का ब्याज | 3334 करोड़ | 4103 करोड़ | 4697 करोड़ | 3329 करोड़ |
नाबार्ड से कर्ज | 228 करोड़ | 225 करोड़ | 200 करोड़ | 140 करोड़ |
एडीबी से कर्ज | 141 करोड़ | 118 करोड़ | 86 करोड़ | 65 करोड़ |
अन्य संस्था से कर्ज | 1205 करोड़ | 1185 करोड़ | 1160 करोड़ | 697 करोड़ |
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