रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बुधवार को बाघ की मौत का मामला उठाया. मामला गंभीर था, लिहाजा खुद बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए वन मंत्री केदार कश्यप को बड़ी बात कह दी. बोले कि वन मंत्रीजी बाघ मरा है, चूहा नहीं. इस पर मंत्री ने भी कहा कि विभागीय जांच चल रही है. इसके बाद निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभयारण्य क्षेत्र में एक बाघिन की मौत शिकार के लिए लगाए गए करंट की चपेट में आने से बीते दिनों हो गई थी. बाद में पता चला कि 5 लोगों ने बाघिन की लाश को जमीन में दफना दिया था. उन सभी की गिरफ्तारी के साथ ही एक बीट गार्ड को निलंबित कर बाकी अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.
अब इसी मामले को नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा में उठाया है. अपने प्रश्न में नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कह कि करंट लगने से बाघ की मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या विद्युत विभाग है या वन विभाग. या फिर पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का अधिकारी दोषी है. या फिर कोई और, जो भी हो ये मामला बेहद गंभीर है. इस पर विधायक दल की जांच समिति बनाकर जांच की जानी चाहिए.
बड़े अधिकारी बच निकलते हैं: धर्मजीत
इस बीच बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि एक बाघ की मौत पर देशभर में हंगामा हो जाता है. यह गंभीर मामला है. बिजली लगाकर करंट लगाने का मामला बेहद ही गंभीर है. वन क्षेत्रों में यह गैरकानूनी है. उन्होंने आगे कहा कि बीट गार्ड के रूप में छोटे कमर्चारी को सस्पेंड किया. बड़े अधिकारी बच निकलते हैं. वन मंत्रीजी बाघ मरा है चूहा नहीं. इस पर विस्तृत जांच होनी चाहिए. तब वन मंत्री कश्यप ने कहा कि विभागीय जांच की रिपोर्ट का इंतजार है.
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