दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सर्चिंग पर निकले पुलिस व सुरक्षा बलों के जवानों ने एक बार फिर दूरस्थ गांव के लोगों के बीच मानवता की मिसाल पेश की है. सर्चिंग कर लौटते वे लोहा गांव पहुंचे थे, जहां उन्हें अपने परिवार के साथ प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला मिली. तब महिला जवान आगे आईं और फिर एक कांवड़ बनाकर जवानों ने 10 किलोमीटर का पैदल सफर करते हुए उसे मुख्य सड़क तक पहुंचाया. वहां से एंबुलेंस के जरिए महिला को किरंदुल अस्पताल ले जाया गया.
बता दें कि लोहा गांव किरंदुल से 10 किलोमीटर दूर दुर्गम घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. दरअसल, नक्सल विरोधी अभियान के तहत् जिला दंतेवाड़ा के लोहागांव व आसपास क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थित की सूचना पुलिस को मिली थी. इस सूचना पर कपिल चंद्रा, एसडीओपी किरंदुल के नेतृत्व में डीआरजी व बस्तर फाइटर का संयुक्त बल सर्चिंग पर निकला था.
वहां से वापसी के दौरान घोर नक्सल प्रभावित गांव लोहा में एक गर्भवती महिला मिली जो प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. उनका गाँव किरंदुल अस्पताल से लगभग 10 किलोमीटर था. पहुंचविहीन गांव होने के चलते यहां एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती.
हालात को जवानों व बस्तर फाइटर की महिला आरक्षकों ने तत्काल मदद के लिए कवायद शुरू की. सबसे पहले बांस और रस्सियों के सहारे उन्होंने मिलकर डोली का निर्माण किया. फिर गर्भवती महिला को उनके घर वाले व जवानों द्वारा डोली को कंधे पर उठाकर लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया. वहां से एंबुलेंस के जरिए महिला को किरंदुल अस्पताल पहुंचाया गया. वहां सुरक्षित प्रसव के लिए भर्ती कराया गया है.
चक्रवाती तूफान डाना का असर, दिवाली से ऐन पहले 15 ट्रेनें रद्द, बढ़ेगी परेशानी
91 लाख का धान फर्जीवाड़ा: पहचान छिपाकर गायब खरीदी केंद्र का कर्मचारी गिरफ्तार
नदी में जा गिरी 15 बच्चों से भरी स्कूल वैन, गांववालों ने सभी को बचा लिया, एक को आई चोट
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft