कोरबा. निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार को कैसे अंजाम दिया जाता है उसका अंदाजा इस तस्वीर से लगाया जा सकता है. इसमें पुल बनाने के लिए गिट्टी की जगह नदी में रेत के साथ पाए जाने वाले चिकने पत्थर डाले गए हैं. फिर उसकी ढलाई भी कराई जा रही है. गिट्टी जैसी पकड़ नहीं बनाने के कारण इस पुल का क्या भविष्य होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का है.
बता दें कि कोरबा में एक नाले पर बनाए जा रहे पुल पर नदी के बोल्डर पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है. मनरेगा के तहत गुरमा पंचायत की ओर से धनपुरी नाले में ये पुल तैयार किया जा रहा है. दरअसल, यहां 3 एमएम की गिट्टी का इस्तेमाल होना चाहिए था. लेकिन, यहां मनरेगा के तकनीकी सहायक नदी-नालों में मिलने वाले पत्थर-बोल्डर से ही ढलाई करा रहा है. इससे कांक्रीट स्ट्रक्चर की मजबूती कमजोर होगी और पुल कभी भी ढह सकता है. इस खतरे की अनदेखी करते हुए इस बनाया जा रहा है.
महत्वपूर्ण है ये पुल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 10 लाख रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण किया जा रहा है. बारिश के दिनों में नाला उफान पर रहता है, तब उस पार के लोगों को आवाजाही के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है. लेकिन, इस पुल के बनने से उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. आपातकालीन स्थिति में यहां से एंबुलेंस समेत अन्य वाहन भी गुजरेंगे. ऐसे में इसकी गुणवत्ता कमजोर होने से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कभी भी बड़ी घटना हो सकती है.
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