जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में तैनात सीआरपीएफ के जवान को मलेरिया हुआ था, जिसे गंभीर हालत में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बीच मलेरिया उनके सिर पर चढ़ गया. क्रिटिकल कंडिशन में उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स भेजने का निर्णय लिया गया. इसके लिए अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरीडोर के जरिए उन्हें एयर एंबुलेंस और फिर उससे दिल्ली रवाना किया गया है.
बता दें कि पूरा बस्तर संभाग, विशेषकर जंगली इलाका जानलेवा मलेरिया बीमारी के लिए बेहद संवेदनशील है. तमाम उपायों के बाद भी वहां इस पर रोक नहीं लग पा रही है. वहां तैनात अर्धसैनिक बलों व पुलिस को नक्सलियों के खतरे के साथ ही मलेरिया की बीमारी के खतरे से भी सामना करना पड़ता है. इस बार भी वही हुआ, जिसमें कई जवान मलेरिया से पीड़ित हो गए. लेकिन, इस जवान की हालत ही नाजुक हो गई है.
26 जुलाई से बिगड़ती गई हालत
सीआरपीएफ के 153वीं बटालियन में पदस्थ जवान अकन राव मलेरिया से पीड़ित हो गए थे. उनका इलाज बीजापुर जिला अस्पताल में किया जा रहा था. 26 जुलाई को उनका बुखार काफी तेज हो गया. तब जगदलपुर के डिमरापाल अस्पताल रेफर करना पड़ा. यहां भी सुधार होने के बजाय बुखार सिर पर ही चढ़ गया. इस स्थिति में उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी. तब उन्हें ऑक्सीजन चढ़ाया गया.
15 किमी का बनाया ग्रीन कॉरीडोर
एंबुलेंस के मुकाबले एयर एंबुलेंस में लाइफ सपोर्ट इक्विपमेंट ज्यादा होते हैं. एंबुलेंस में ज्यादा समय तक उन्हें नहीं रखा जा सकता था. लिहाजा अस्पताल से दंतेश्वरी एयरपोर्ट की 15 किलोमीटर की दूरी को जल्द पूरा करना था. लिहाजा ग्रीन कॉरीडोर बनाने का फैसला किया गया. इस दौरान जवानों को पूरे मार्ग पर तैनात करने के साथ ही इसे आम ट्रैफिक के लिए ब्लॉक रखा गया था. तब जाकर जवान को एयर एंबुलेंस तक ले जाया गया और फिर वहां से दिल्ली एम्स भेजा गया.
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