छत्तीसगढ़. अंबिकापुर में कोरोना संक्रमण काल के दो वर्ष बाद मंदिर के पट पूरी तरह खुले हैं। चैत नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही मां महामाया मंदिर सहित शहर के सभी देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। तेज गर्मी और धूप को देखते हुए श्रद्धालु सूर्योदय से पहले ही मंदिरों की ओर निकल पड़े थे। बावजूद इसके महामाया मंदिर में लंबी कतारें माता के दर्शन के लिए लगी रही। इस साल कोरोना का संक्रमण भी कम है, ऐसे में श्रद्धालुओं का उत्साह भी इस बार ज्यादा दिख रहा है।
9 दिनों तक रहेगी मंदिर में धूम
अंबिकापुर शहर के आदिशक्ति मां महामाया मंदिर में मुख्य पुजारी ने सुबह 4 बजे ही माता का श्रृंगार किया। धूप ,दीप दिखा आरती उतार कर पूजा पाठ किया। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए पट खोले दिए गए। यहां उमड़ रही भीड़ को देखते हुए व्यापक व्यवस्था भी की गई । मंत्रोच्चार के साथ अखंड ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए है। 9 दिन तक यहां धार्मिक अनुष्ठान होगें व भंडारा का भी विशेष इंतजाम किया गया है।
राज परिवार की कुलदेवी है मां महामाया
सरगुजा राजपरिवार की कुलदेवी मां महामाया हैं। यहां राज परिवार के सदस्य पूजा अर्चना करने आते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव विशेष पूजा करते हैं और उनके परिवार के लोग भी मां महामाया और समलाया के गर्भगृह में प्रवेश करते हैं। सरगुजा राजपरिवार के जानकार गोविंद शर्मा के मुताबिक रियासत काल से यहां का राज परिवार अपनी कुलदेवी के रूप में पूजा-अर्चना करता आ रहा है।
(इनपुट सुमित सिंह)
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