बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में बढ़ते साइबर फ्रॉड के मामलों ने अब हाई कोर्ट को भी चिंता में डाल दिया है. लोगों की गाढ़ी कमाई को साइबर अपराधियों द्वारा चंद पलों में बैंक खातों से निकाल लेने की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल बीपी वर्मा ने न्यायालयीन अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें सेवा शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
जारी सर्कुलर में कहा गया है कि लोगों को रकम दोगुनी करने के झांसे में नहीं आना चाहिए. खासकर, कोर्ट से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को ऐसी किसी योजना में पैसा निवेश करने से मना किया गया है. सर्कुलर में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि अगर कोई न्यायालयीन अधिकारी या कर्मचारी ऐसे किसी फ्रॉड का हिस्सा बनता है, तो उसे सेवा शर्तों के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
रजिस्ट्रार जनरल ने इस सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि रकम दोगुनी करने का लालच देना और उसमें पैसा लगाना कदाचरण की श्रेणी में आता है. इस तरह के कृत्यों में शामिल न्यायालयीन अधिकारी या कर्मचारी सेवा शर्तों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे. सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी वाली योजना में पैसा लगाने से कर्मचारियों को बचना चाहिए.
इस आदेश के पीछे रजिस्ट्रार जनरल ने मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें यह बताया गया है कि कुछ धोखेबाज लोग और संस्थाएं कम समय में पैसा दोगुना करने या भारी लाभ देने का लालच देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इस लालच में आकर लोग अपनी जीवनभर की कमाई का बड़ा हिस्सा इन धोखेबाजों को दे देते हैं, जो बाद में उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं.
हाई कोर्ट के सर्कुलर का मुख्य उद्देश्य न्यायालयीन अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर फ्रॉड से बचाना और उन्हें जागरूक करना है. रजिस्ट्रार जनरल ने सभी को सतर्क और सावधान रहने की सलाह दी है ताकि वे इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों से खुद को और अपने धन को सुरक्षित रख सकें.
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