रायपुर. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डाॅ.खबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत पंजीकृत प्रदेश के कई अस्पतालों के आडिट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इन अस्पतालों में मरीजों से अतिरिक्त पैसा वसूलने के साथ ही मनमाने ढंग से योजना के तहत राशि काटने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में नवापारा रायपुर के तीन, बिलासपुर व रायपुर के एक अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें तीन अस्पतालों को योजना से निलंबित कर दिया गया है। वहीं कुल 17 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है।
इस योजना में पंजीकृत अस्पतालों का आनलाइन सिस्टम के माध्यम से उपचार कराने वाले मरीजों का आडिट किया जाता है। पिछले दिनों इस आडिट के दौरान कुछ अनुबंधित निजी अस्पतालों में गड़बड़ियां मिली थीं। इसी के आधार पर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी व राज्य नोडल एजेंसी रायपुर की ओर से कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। जिन अस्पतालों के खिलाफ अलग—अलग कार्रवाई की गई है उसमें श्रीबालाजी हाॅस्पिटल बिलासपुर शामिल है। इस अस्पताल को एक साल के लिए निलंबित किया गया है।
इसी तरह अंजली नर्सिंग होम नवापारा रायपुर पर तीन लाख का अर्थदंड व एक साल के निलंबन की कार्रवाई की गई है। माहेर हाॅस्पिटल नवापारा रायपुर पर पांच लाख का अर्थदण्ड व एक साल के निलंबन की कार्रवाई की गई है। शाह नर्सिंग होम नवापारा रायपुर के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड व एक साल का निलंबन के साथ ही रामकृष्ण केयर हाॅस्पिटल रायपुर पचपेड़ी नाका के खिलाफ 6,16,834 रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है। खास ये कि इस अस्पताल में इतनी राशि मरीजों से ही अतिरिक्त रूप से वसूल ली गई थी। ऐसे में प्रबंधन को इसके बराबर की राशि मरीजों को वापस भी करना पड़ेगा।
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